ईरान का इतिहास प्राचीन फारस की गौरवशाली सभ्यता से शुरू होता है, लेकिन आज यह देश वैश्विक मंच पर अपने सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली होसैनी ख़ामेनेई के कारण चर्चा में है। 86 वर्ष की आयु में खामैनी ने न केवल अमेरिका के दबाव को ठुकराया, बल्कि इसराइल पर हमले का जोखिम भी उठाया। उन्होंने धमकी दी कि यदि अमेरिका ने इसराइल का साथ दिया, तो उसके ठिकानों को भी निशाना बनाया जाएगा। आखिर ख़ामेनेई कौन हैं, और किस साहस के दम पर वे विश्व की महाशक्ति से टकराने को तैयार हैं? क्या वे 1979 की इस्लामी क्रांति के अंतिम क्रांतिकारी हैं, जो पश्चिमी हस्तक्षेप के सामने डटकर मुकाबला कर रहे हैं, या फिर एक तानाशाह हैं, जो नागरिक अधिकारों का दमन कर रहे हैं?