मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम अभी औपचारिक रूप से घोषित नहीं हुआ है और न ही राज्य में अभी आदर्श आचार संहिता लागू हुई है, लेकिन बीजेपी ने प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर सभी को चौंका दिया है। मध्य प्रदेश में भाजपा दूध से जली पार्टी है, इसलिए इस बार छाछ भी फूंक-फूंककर पी रही है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में तमाम रीति-रिवाजों को ताक पर रखकर अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जिस जल्दबाजी में जारी की है उससे जाहिर है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में वो कोई ग़लती नहीं करना चाहती। जिन प्रत्याशियों के नाम घोषित किये गए हैं, उनका चयन कब और कैसे हो गया, ये पार्टी के दूसरे बड़े नेता अमित शाह जानते होंगे या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके समकक्ष। जिला इकाइयों को शायद ही इसकी भनक हो, क्योंकि न कोई पैनल बने और न किसी कमेटी के जरिये प्रत्याशियों के चयन का नाटक किया गया।

चुनाव आयोग ने अभी तक विधानसभा चुनाव के लिए तारीख़ों का ऐलान भी नहीं किया है और बीजेपी ने दो राज्यों में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर दी है। जानिए, बीजेपी ने ऐसा क्यों किया।
भाजपा द्वारा घोषित प्रत्याशियों की सूची में सभी तरह के नाम हैं। कुछ लोकप्रिय हैं तो कुछ नहीं। कुछ बाहुबली हैं, तो कुछ नहीं। कुछ के ऊपर आरएसएस का हाथ है तो कुछ पर नहीं। लेकिन प्रत्याशियों का चयन बड़ी ही सूझबूझ से किया गया है। इसमें वे ही नाम हैं जो भाजपा के पैमानों पर खरे उतरते हैं या जीत की गारंटी देते हैं। कौन, किसका समर्थक है ये खोजना कोई कठिन काम नहीं है। क्योंकि अधिकाँश नाम जाने -पहचाने हैं। इस सूची में अधिकाँश सीटें वे हैं जिनपर भाजपा पिछले विधानसभा चुनावों में पराजय का सामना कर चुकी है। इस सूची में अधिकाँश सीटें वे भी हैं जो अनुसूचित जाति या जन जातियों के लिए आरक्षित हैं। इस सूची में ऐसे भी नाम हैं जिनके माई-बाप भाजपा के असंतुष्ट नेताओं के रूप में भी जाने पहचाने जाते हैं।