14 सितंबर 2025 को दुबई में हुए एशिया कप के भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच ने खेल को राजनीति के केंद्र में ला खड़ा किया। पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) में 26 निर्दोष लोगों की मौत के बाद जनता और खिलाड़ियों का गुस्सा चरम पर था। फिर भी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेला। जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ नहीं मिलाया, जिसे बीसीसीआई ने "पहलगाम हमले का साइलेंट प्रोटेस्ट" बताया। लेकिन पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना ने सनसनीखेज खुलासा किया कि खिलाड़ी इस मैच में खेलना नहीं चाहते थे, और सरकार के दबाव में उन्हें मजबूर किया गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या मोदी सरकार की तमाम राष्ट्रवादी भंगिमाएँ महज़ दिखावा हैं?
खिलाड़ियों से हाथ न मिलाना ड्रामा था, सरकार ने डाला था मैच खेलने का दबाव!
- विश्लेषण
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- 15 Sep, 2025


भारतीय टीम
भारत पाक क्रिकेट मैच के दौरान खिलाड़ियों के हाथ न मिलाने के विवाद पर नया खुलासा! क्या सरकार ने मैच खेलने का दबाव डाला? जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की राजनीति।
साइलेंट प्रोटेस्ट?
एशिया कप 2025 में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। लेकिन सुर्खियां जीत की नहीं, बल्कि भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के कुछ ख़ास फ़ैसलों की बनीं। उन्होंने टॉस के समय पाकिस्तानी कप्तान सलमान आगा से हाथ नहीं मिलाया, और मैच के बाद भारतीय खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम से बाहर नहीं आये। जबकि परंपरा है कि मैच के बाद दोनों टीमों के खिलाड़ी एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं। यह खेल भावना का प्रतीक है। सूर्यकुमार ने जीत को पहलगाम हमले में हुए शहीदों को समर्पित करते हुए कहा, "हम शहीदों के परिवारों के साथ हैं, ये जीत आर्म्ड फोर्सेस को समर्पित है।" बीसीसीआई ने इसे पहलगाम हमले के खिलाफ प्रोटेस्ट करार दिया था। लेकिन सुरेश रैना के बयान ने इस प्रोटेस्ट को एक स्क्रिप्टेड ड्रामा साबित किया है जिसे सरकार ने किरकिरी से बचने के लिए रचा।























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