प्रधानमंत्री मोदी हों, बीजेपी नेता हों या आरएसएस के लोग, सबका दावा है कि भारत इस समय प्रतिष्ठा के शिखर पर है, दुनिया भारत को विश्वगुरु मानती है लेकिन हक़ीक़त ये है कि यूरोप से लेकर अमेरिका तक में भारतीयों के ख़िलाफ़ हमले बढ़ रहे हैं। भारतीयों के ‘मॉडल माइनारिटी’ होने का मिथक टूट रहा है। भारतीय मूल के वे लोग भी हमलों के शिकार हो रहे हैं जिन्होंने पूरी तरह से उस देश की संस्कृति अपना ली है।

अप्रैल 2025 में विदेश मंत्रालय की ओर से लोकसभा में एक चौंकाने वाली जानकारी दी गयी थी। विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने एक लिखित जवाब में बताया कि विदेश में भारतीय छात्रों पर पिछले पाँच सालों में हमले बढ़े हैं। 2020 से लेकर 2025 के शुरुआती महीनों का आँकड़ा पेश करते हुए उन्होंने बताया-
  • पिछले पांच वर्षों में 91 हिंसक हमले रिपोर्ट हुए, जिनमें 30 छात्रों की मौत हुई। यह डेटा 12 देशों में फैला है, जिसमें कनाडा और अमेरिका में सबसे अधिक घातक मामले हैं।
  • 2024 में 40 हमले: 2024 में हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और 40 मामले दर्ज किए गये। कुल हमलों में से 2020-2024 तक 77 हमले थे, लेकिन 2024 का हिस्सा सबसे बड़ा था।
  • कनाडा में 16 मौतें: कनाडा में सबसे अधिक घातक हमले हैं। दिसंबर 2024 तक की रिपोर्ट्स में कनाडा और अमेरिका में कुल मौतों का 80% हिस्सा था, और अपडेटेड आंकड़ों (2025 तक) में कनाडा में 16 मौतें बताई गयी हैं।