2 जनवरी 1975 को बिहार के समस्तीपुर रेलवे स्टेशन पर एक बम विस्फोट ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले में केंद्रीय रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र की जान चली गई। यह आज़ाद भारत में किसी केंद्रीय मंत्री की पहली हत्या थी। लगभग पांच दशक बाद यह मामला फिर से सुर्खियों में है। बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने इस हत्याकांड की जाँच दोबारा कराने की माँग उठाई है। बिहार चुनाव के पहले इस माँग के सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं। ललित नारायण मिश्र बिहार के क़द्दावर नेता थे।
ललित नारायण मिश्र हत्याकांड: दोबारा जाँच की माँग या सियासी खेल?
- विश्लेषण
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- 3 Jun, 2025

ललित नारायण मिश्र की हत्या की फिर से जांच की मांग ने एक बार फिर पुराने ज़ख्मों को कुरेदा है। क्या यह न्याय की पुकार है या सियासी रणनीति? जानिए मामले की पृष्ठभूमि, नए सवाल।
ललित नारायण मिश्र कौन थे?
ललित नारायण मिश्र अपने दौर के करिश्माई नेता थे जिन्हें बिहार के मिथिलांचल में प्यार से 'ललित बाबू' कहा जाता था। उनका जन्म 2 फरवरी 1923 को सुपौल जिले के बलुआ गांव में हुआ था। ललित बाबू ने दरभंगा से पढ़ाई शुरू की और बाद में पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया।