ऑपरेशन सिंदूर के समय पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़ा हुआ चीन भारत की घेरेबंदी के लिए एक और प्रयास कर रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बाँध बना रहा चीन यूँ तो इसका मक़सद बिजली उत्पादन बता रहा है लेकिन अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण यह भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक चुनौती बन सकता है।
चीन का 'वॉटर बम’ भारत के लिए कितना बड़ा ख़तरा?
- विश्लेषण
- |

- |
- 30 Jul, 2025


क्या चीन की जलनीति भारत के लिए ‘वॉटर बम’ बनती जा रही है? ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध निर्माण से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर मंडरा रहा है गंभीर जलसंकट का खतरा। जानें विस्तार से।
ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे चौड़ी और गहरी नदी है जिसका उद्गम तिब्बत यानी चीन में है। वहाँ इसे यारलुंग ज़ांगबो कहते हैं। यह नदी 2,900 किलोमीटर का सफर तय करती है और तिब्बत, भारत (अरुणाचल प्रदेश और असम) और बांग्लादेश से होकर बहती है। बांग्लादेश में इसे इसे जमुना कहा जाता है जो गंगा में मिलकर बंगाल की खाड़ी में समाहित होती है।
ब्रह्मपुत्र अरुणाचल और असम के लिए जीवनरेखा है। यह नदी सिंचाई, पेयजल और क्षेत्र की जैव-विविधता, जैसे काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, को समृद्ध करती है। इसके पानी से असम और बांग्लादेश के बाढ़ के मैदानों की उर्वरता बनी रहती है, जिससे लाखों किसानों की आजीविका चलती है। लेकिन चीन का यह मोटुओ हाइड्रोपावर स्टेशन इस नदी के प्रवाह को खतरे में डाल सकता है।
























.jpg&w=3840&q=75)
.jpeg&w=3840&q=75)
.jpg&w=3840&q=75)