केंद्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य नितिन गडकरी की छवि एक क़ाबिल मंत्री की है। हाल ही में उन्होंने एक ऐसा बयान दिया है जिसकी काफ़ी चर्चा हुई। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘जो करेगा जात की बात, उसको मारूँगा लात!’ पहली नज़र में यह एक ‘निर्दोष' बयान लगता है जो जाति से नहीं गुणों से किसी मनुष्य की पहचान की इच्छा से दिया गया है, लेकिन ज़रा सा विश्लेषण इस नज़र में छिपे ख़तरनाक ‘नज़रिये’ को बेपर्दा कर देता है। साथ में उस ‘लात की जात’ भी बेपर्दा हो जाती है जिससे गडकरी जाति का सवाल उठाने वालों को मारना चाहते हैं।