प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को पहली बार चुनाव प्रचार करने पीलीभीत पहुँचे। इससे पहले वह इस क्षेत्र में कभी नहीं गए थे। न तो 2009 या 2014 में और न ही 2019 के चुनाव में। 2009 में मेनका गांधी की जगह पर पहली बार उनके बेटे वरुण गांधी को बीजेपी का टिकट दिया गया था। तो अब आख़िर क्या वजह है कि पीएम मोदी पीलीभीत को प्राथमिकता दे रहे हैं और चुनाव प्रचार करने पहुँच गए? क्या इसकी वजह पिछले कुछ वर्षों से पीएम पर हमलावर रहे वरुण गांधी का टिकट पीलीभीत से कटना है और अब किसी भी हालत में बीजेपी इस सीट को जीतकर एक संदेश देने की कोशिश कर रही है?
वरुण गांधी के गढ़ पीलीभीत में पहली बार प्रचार करने क्यों पहुँचे पीएम?
- विश्लेषण
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- 9 Apr, 2024
प्रधानमंत्री मोदी को आख़िर पीलीभीत जाकर प्रचार करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? क्या वह एक सामान्य प्रचार अभियान के तहत गए या फिर वरुण गांधी का टिकट कटने की वजह से कुछ और संदेश देने के लिए?

पीलीभीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार मंगलवार को चुनावी सभा को संबोधित किया, लेकिन जिले के सांसद वरुण गांधी नहीं पहुँचे। यह साफ़ नहीं है कि उनको कार्यक्रम में बुलाया नहीं गया या फिर उन्होंने वहाँ जाना पसंद नहीं किया। इससे पहले वह मुख्यमंत्री योगी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में भी नहीं पहुंचे थे। भाजपा ने पीलीभीत सीट से वर्तमान सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है।