‘वोट चोरी’ के नारों के बीच याद आये शेषन!
जब देश में 'वोट चोरी' के नारे गूंज रहे हैं, ऐसे में लोगों को याद आ रहे हैं पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टी.एन. शेषन, जिन्होंने भारतीय चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता और सख़्ती की नई मिसाल कायम की थी
1951-52 के चुनाव में 45% मतदान हुआ, जो उस समय की परिस्थितियों में एक बड़ी उपलब्धि थी। सेन ने भारत के लोकतंत्र को दुनिया में एक मिसाल बनाया।
2 अगस्त 1993 को शेषन ने 17 पन्नों का आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया, “जब तक सरकार आयोग की शक्तियों को मान्यता नहीं देती, कोई चुनाव नहीं होगा।” उन्होंने पश्चिम बंगाल की राज्यसभा सीट पर चुनाव रोका, जिसके कारण केंद्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी को इस्तीफा देना पड़ा।