loader

नागरिकता विधेयक: बाक़ी असम जल रहा है तो राज्य की ही बराक घाटी में स्वागत क्यों?

नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में गुवाहाटी सहित क़रीब-क़रीब पूरा असम जल रहा है, लेकिन असम के ही बराक घाटी में इसका विरोध नहीं, बल्कि स्वागत किया जा रहा है। जहाँ गुवाहाटी में कर्फ़्यू लगाना पड़ा है और सेना का मार्च पास्ट किया गया है, ब्रह्मपुत्र घाटी में इस विधेयक के विरोध में ज़बरदस्त प्रदर्शन हुआ है वहीं बराक घाटी में बिल्कुल शांति है। बराक घाटी में असम के दूसरे हिस्सों से अलग रवैया क्यों है?

बुधवार को भी जैसे ही लोकसभा के बाद राज्यसभा में विधेयक पास हुआ हज़ारों छात्र और आम लोग सड़कों पर उतर आए। इस विधेयक का विरोध असम के अधिकतर हिस्सों में हुआ। लेकिन सिल्चर यूनिवर्सिटी में छात्रों ने इस विधेयक के समर्थन में कैंडल मार्च निकाला। हालाँकि इससे पहले नॉर्थ-ईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजे़शन यानी नेसो के बंद के दौरान सिल्चर यूनिवर्सिटी में असम के अलग-अलग हिस्सों से आए कुछ छात्रों ने विधेयक का विरोध किया था। लेकिन मुख्य तौर पर यहाँ पर छात्रों ने विधेयक का समर्थन ही किया।

सम्बंधित ख़बरें

विधेयक के समर्थन में लोग अलग-अलग तर्क दे रहे हैं। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, विधेयक के समर्थन में कैंडल मार्च निकालने वाले छात्रों ने कहा कि 'यदि हिंदू भारत में नहीं आएँगे तो और कहाँ जाएँगे? यह विधेयक मुसलिम के बारे में बिलकुल नहीं है, यह सिर्फ़ हिंदुओं को बचाने के लिए है।'

ऐसे में सवाल उठता है कि असम में ही समर्थन और विरोध अलग-अलग विचार क्यों?

दरअसल, इन दोनों जगहों पर विधेयक को लेकर अलग-अलग विचार इसलिए हैं क्योंकि इस विधेयक से एक पक्ष को फ़ायदा होने की उम्मीद है तो दूसरे पक्ष को नुक़सान होने की आशंका। असम के बाक़ी अधिकतर हिस्सों की तरह ही ब्रह्मपुत्र घाटी में असमिया भाषी लोग रहते हैं। जबकि बराक घाटी में बांग्ला भाषी लोगों की तादाद ज़्यादा है। बराक घाटी में कछार, करीमगंज, हैलाकांडी ज़िले आते हैं। माना जा रहा है कि यही विरोध और समर्थन की बड़ी वजह है। असमिया भाषी लोगों का मानना है कि इस विधेयक के बाद बाँग्लादेश से आए दूसरे लोगों को नागरिकता दे दी जाएगी और इससे उनकी संस्कृति को ख़तरा होगा। असम में यह मुद्दा काफ़ी लंबे समय से रहा है। 

बता दें कि भारत विभाजन के बाद उत्पीड़न के डर से पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) से काफ़ी बड़ी संख्या में बंगाली और हिंदू जनसंख्या बराक घाटी में आ गई थी। यही कारण है कि बराक घाटी के लोगों का मानना है कि इस विधेयक से बांग्ला हिंदू समुदाय को फ़ायदा होगा। 
ताज़ा ख़बरें

बता दें कि असम की राजधानी गुवाहाटी में जनजीवन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। कर्फ़्यू लगा हुआ है, ट्रेन सेवाएँ रद्द कर दी गई हैं, हवाई सेवा बंद है। तमाम दुकानें बंद हैं, सभी बाज़ार बंद हैं, तमाम सरकारी और निजी दफ़्तर बंद पड़े हैं, यातायात ठप पड़ा हुआ है। और तो और, पेट्रोल पंप तक बंद कर दिया गया है। 

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन ने गुवाहाटी के लताशिल मैदान में एक बड़ा विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। लेकिन पूरा इलाक़ा सेना के कब्जे में है। बड़ी तादाद में सैनिक जगह-जगह तैनात हैं। इसके बावजूद बड़ी तादाद में लोग इस खेल मैदान में जमा हो रहे हैं। सैनिकों ने मोटे तौर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। पर वे बार-बार लोगों से शांति बनाए रखने को कह रहे हैं। इस विधेयक के बाद असम के अधिकतर हिस्से उबल रहे हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असम से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें