loader

असम: शादी के लिए धार्मिक पहचान छुपाने पर क़ानून लाने की तैयारी क्यों?

जिस असम में विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' का वादा किया था वहाँ अब बीजेपी सरकार शादी से जुड़ा एक क़ानून लाने वाली है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने घोषणा की है कि उनकी सरकार जल्द ही महिलाओं से शादी करने के लिए धार्मिक पहचान व ऐसी ही दूसरी जानकारी छुपाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानून लाएगी। हालाँकि, उन्होंने इसे 'लव जिहाद' का नाम देने से इंकार कर दिया।

विवाह क़ानून पेश करने की बात कहते हुए हिमंत बिस्व सरमा ने कहा, 'यह एक लव जिहाद क़ानून की तरह नहीं होगा... मैं इस शब्द में विश्वास नहीं करता। यह सभी धर्मों पर लागू होगा। यहाँ तक ​​कि हिंदू भी हिंदुओं को धोखा दे सकते हैं... यह क़ानून सिर्फ़ मुसलमानों के ख़िलाफ़ नहीं है।'

ताज़ा ख़बरें

दरअसल 'लव जिहाद' बहुत ही विवादास्पद शब्द है। इसको लेकर सरकारी तौर पर ऐसी कोई रिपोर्ट या आँकड़ा नहीं है जिससे इसके बारे में कोई पुष्ट बात कही जा सके। सरकार ने ही पिछले साल फ़रवरी में संसद को बताया कि इस शब्द को मौजूदा क़ानूनों के तहत परिभाषित नहीं किया गया और किसी भी केंद्रीय एजेंसी द्वारा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था। लेकिन अधिकतर दक्षिणपंथी और ट्रोल इन शब्दों के माध्यम से यह बताने की कोशिश करते रहे हैं कि मुसलिम एक साज़िश के तहत हिंदू लड़कियों को फँसा लेते हैं, उनसे शादी करते हैं और फिर धर्म परिवर्तन करा लेते हैं।

लेकिन इस साल जब असम में चुनाव हो रहे थे तो दूसरे राज्यों की तरह वहाँ भी बीजेपी ने 'लव जिहाद' का मुद्दा उछाला। असम बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में भी इसका ज़िक्र किया था। घोषणापत्र में कहा गया था, "हम असम में 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' के ख़तरे से निपटने और इसे समाप्त करने के लिए उपयुक्त क़ानून और नीतियाँ तैयार करेंगे।"

यही नहीं, जब 26 मार्च को गृह मंत्री अमित शाह असम में रैली कर रहे थे तो उन्होंने भी कहा था, 'भाजपा के संकल्प पत्र में ढेर सारी बाते हैं मगर सबसे बड़ी बात 'लव जिहाद' और 'लैंड जिहाद' के ख़िलाफ़ क़ानून लाने का काम भाजपा सरकार करेगी।'

लेकिन बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा अब इसे लव जिहाद कहने से बच रहे हैं। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "हम 'लव जिहाद' शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहते क्योंकि हमें लगता है कि एक हिंदू को भी एक हिंदू को धोखा नहीं देना चाहिए। ऐसा नहीं है, जब एक मुसलमान हिंदू को धोखा देता है तो यह 'लव जिहाद' है। मेरे अनुसार, यह भी एक 'जिहाद' है जब एक हिंदू पुरुष एक हिंदू महिला को धोखा देकर और गुमराह करके उससे शादी करता है।' उन्होंने कहा, 'इसलिए, मैं जिहाद आदि जैसे शब्दों में विश्वास नहीं करता। हम शादी करने के लिए धोखा देने से रोकने के लिए एक क़ानून लाना चाहते हैं।"

असम से और ख़बरें

मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उस दौरान उन्होंने राज्य के 'जनजातियों और स्वदेशी समुदायों की आस्था, संस्कृति और परंपराओं' की रक्षा और संरक्षण के लिए एक स्वतंत्र विभाग के गठन की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, 'हमारी जनजातियों और समुदायों की अपनी मान्यताएं, रीति-रिवाज और प्रथाएं हैं... स्वदेशी आस्था और संस्कृति विभाग का उद्देश्य ऐसी प्रथाओं को संरक्षित करना है।' उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय इसके लिए अलग से बजट आवंटित करेगा।

ख़ास ख़बरें

वैसे, हिमंत बिस्व सरमा अक्सर मुसलिमों पर अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। हाल में उनकी आलोचना तब हुई थी जब उन्होंने एक अपराध में शामिल अभियुक्तों के नामों को ट्विटर पर लिखा था। ये सभी अभियुक्त मुसलमान थे। सवाल उठा था कि कई अपराधों में हिंदू समुदाय के भी लोग पुलिस की पकड़ में आते हैं, तब भी क्या वह उनके नाम इसी तरह ट्विटर पर लिखते हैं?

हाल के दिनों में वह मुसलमानों को दो बच्चे रखने की नसीहत दे रहे हैं। चुनाव से पहले तो हिमंत एआईयूडीएफ़ के अध्यक्ष बदरूद्दीन अज़मल को जिन्ना बता चुके हैं। लंबे वक़्त तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले सरमा कुछ साल पहले ही बीजेपी में आए हैं। इसके बाद से ही वह मुसलमानों के ख़िलाफ़ विवादित बयान देते रहे हैं। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असम से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें