असम में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही संघ परिवार और बीजेपी की तरफ़ से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का अभियान तेज़ हो गया है। 'लव जिहाद' पर क़ानून का मसौदा तैयार करने की बात हो, चिड़ियाखाना में बाघ को बीफ परोसने के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो, मदरसों पर तालाबंदी का निर्णय हो या एआईयूडीएफ़ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल के ख़िलाफ़ विदेशी फंडिंग का आरोप हो, संघ परिवार की तरफ़ से धार्मिक विभाजन पैदा करने के लिए तमाम हथकंडे आजमाए जा रहे हैं। अब तक उनके निशाने पर मुसलिम ही रहे हैं। लेकिन बजरंग दल ने इस बार ईसाइयों को भी निशाना बनाया है।
असम: हिंदुओं के चर्च जाने पर दी थी धमकी, जाँच शुरू
- असम
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- 7 Dec, 2020

सांकेतिक तसवीर।
असम में कछार ज़िला प्रशासन ने पुलिस से बजरंग दल के एक नेता द्वारा कथित तौर पर क्रिसमस के मौक़े पर चर्चों में जाने वाले हिंदुओं को पीटने की धमकी देने वाले भड़काऊ भाषण की जाँच करने को कहा है।