जुबीन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। असम पुलिस के विशेष जांच दल यानी एसआईटी ने बुधवार को गायक के चचेरे भाई और असम पुलिस सेवा के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस संदीपन गर्ग को गिरफ्तार किया है। यह इस केस में पांचवीं गिरफ्तारी है। संदीपन गर्ग सिंगापुर में हुई घटना के समय गायक के साथ मौजूद थे। पुलिस ने उन्हें पूछताछ के बाद हिरासत में लिया और अब उन्हें कामरूप मेट्रोपॉलिटन जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।

जुबीन गर्ग की मौत 19 सितंबर 2025 को सिंगापुर में एक यॉट पार्टी के दौरान समुद्र में तैरते हुए डूबने से हुई थी। वे नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल के लिए सिंगापुर गए थे, जहां एक यॉट पर आयोजित पार्टी में वे अपने सहयोगियों और दोस्तों के साथ थे। प्रारंभिक ऑटोप्सी रिपोर्ट में इसे दुर्घटना बताया गया था, लेकिन गायक के परिवार, प्रशंसकों और स्थानीय राजनीतिक हलकों में संदेह की वजह से मामला गरमा गया। असम में जुबीन की मौत के बाद दर्जनों एफआईआर दर्ज की गईं और मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने डीजीपी को निर्देश देकर सीआईडी को केस सौंप दिया। विशेष डीजीपी (सीआईडी) एमपी गुप्ता के नेतृत्व में 10 सदस्यीय एसआईटी गठित की गई, जो पैसे के हेरफेर, साजिश और लापरवाही के पहलुओं की जांच कर रही है।

पहले ही चार गिरफ्तारियाँ

संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी से पहले एसआईटी ने चार अन्य लोगों- श्यामकानू महंता, सिद्धार्थ शर्मा, शेखरज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंता को हिरासत में लिया था। 

श्यामकानू महंता: नॉर्थईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक। उन पर संगठित वित्तीय अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और बेनामी संपत्ति हथियाने के आरोप लगे हैं। वे दिल्ली एयरपोर्ट पर सिंगापुर फ्लाइट से लौटते ही गिरफ्तार हुए।

सिद्धार्थ शर्मा: जुबीन के मैनेजर। वह 2014 से उनके साथ थे। उन पर हत्या, आपराधिक साजिश, लापरवाही से मौत का कारण बनने और धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। वे गुरुग्राम के एक अपार्टमेंट से गिरफ्तार हुए। आरोप है कि उन्होंने जुबीन को तैराकी के लिए मजबूर किया, जबकि उन्हें मिर्गी यानी एपिलेप्सी की समस्या थी और डॉक्टरों ने पानी से दूर रहने की सलाह दी थी।

शेखरज्योति गोस्वामी: जुबीन के बैंडमेट, जो घटनास्थल पर मौजूद थे। वीडियो फुटेज में उन्हें जुबीन के करीब तैरते देखा गया। उन्होंने शुरुआत में आरोप लगाया कि सिद्धार्थ ने 'जाबो दे, जाबो दे' (छोड़ दो, छोड़ दो) चिल्लाया जब जुबीन सांस लेने में तकलीफ महसूस कर रहे थे। बाद में वे खुद गिरफ्तार हुए।

अमृतप्रभा महंता: एक अन्य गायिका, जो घटना के दौरान मोबाइल पर वीडियो रिकॉर्डिंग कर रही थीं। उन्हें भी पूछताछ के बाद हिरासत में लिया गया।

सभी पाँच गिरफ्तारियाँ पिछले सप्ताह से लगातार हो रही हैं और एसआईटी ने सिंगापुर के भारतीय उच्चायोग और स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर लिया है। यॉट पर मौजूद 11 एनआरआई सदस्यों को समन जारी किए गए हैं।

सुरक्षा कर्मियों के बैंक खातों में 1 करोड़ के लेनदेन

जाँच में एक चौंकाने वाला खुलासा यह भी हुआ है कि जुबीन के दो पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर्स यानी पीएसओ के बैंक खातों में लगभग 1 करोड़ रुपये के लेन-देन का पता चला है। एसआईटी को शक है कि यह रकम जुबीन की म्यूजिक कंपनी 'जुबीन गर्ग म्यूजिक' से जुड़ी हो सकती है, जिसमें सिद्धार्थ शर्मा साझेदार थे। शर्मा ने गिरफ्तारी से पहले फेसबुक पर दावा किया था कि वे निर्दोष हैं, लेकिन परिवार ने इसे खारिज कर दिया।

असम में जनाक्रोश

जुबीन गर्ग असमिया, बंगाली और बॉलीवुड संगीत जगत के आइकन थे। फिल्म 'गैंगस्टर' का उनका गाना "बूम बूम" ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई। असम में उनकी मौत के बाद प्रशंसकों का गुस्सा फूट पड़ा। गुवाहाटी में उनके चित्र के साथ दुर्गा पूजा पंडाल सजाए गए और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हुए। 
एसआईटी ने साफ़ किया है कि जाँच जारी है और संदीपन गर्ग की गिरफ्तारी से नए सुराग मिल सकते हैं। विशेष डीजीपी गुप्ता ने कहा, 'हम किसी को बख्शेंगे नहीं। सिंगापुर पुलिस के साथ मिलकर हर पहलू की पड़ताल हो रही है।' फिलहाल, सभी आरोपी पुलिस कस्टडी में हैं और अदालत से 14 दिनों का रिमांड मांगा गया है।

यह मामला असम के सांस्कृतिक इतिहास में एक काला अध्याय बन चुका है, जहाँ एक कलाकार की मौत ने न केवल मनोरंजन जगत को हिला दिया, बल्कि पुलिस, आयोजकों और सहयोगियों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार और प्रशंसक उम्मीद कर रहे हैं कि न्याय जल्द मिले।