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शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस में शामिल, पटना साहिब से मिला टिकट

शनिवार को ही कांग्रेस में शामिल हुए फ़िल्म अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा को कांग्रेस ने बिहार की पटना साहिब सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कांग्रेस में शामिल होने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि वह भारी मन से बीजेपी छोड़ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मैं बीजेपी क्यों छोड़ रहा हूँ यह सबको पता है। सिन्हा ने कांग्रेस में आने का एलान पहले ही कर दिया था। उन्होंने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से भी मुलाक़ात की थी।

इस मौके़ पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने शत्रुघ्न सिन्हा का कांग्रेस में शामिल होने पर स्वागत किया। 

सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार में ऐसे-ऐसे लोगों को मंत्री बना दिया गया जो बुरी तरह डरे हुए थे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपना कोई भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा को जानबूझकर किनारे कर दिया गया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में डाल दिया गया और मार्गदर्शक मंडल की आज तक एक बैठक नहीं हुई। शॉटगन ने कहा, ‘मैं यह कह सकता हूँ लोकशाही को हमने धीरे-धीरे तानाशाही में बदलते देखा। वन मैन आर्मी और टू मेन शो बन गई बीजेपी।' 

सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी से लोग तबाह हो गए और वह राहुल गाँधी के इस बयान से सहमत हैं कि नोटबंदी दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला है।
सिन्हा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नोटबंदी से लोगों को काफ़ी परेशानी हुई, कई लोग मारे गए, मोदी जी ने प्रचार के लिए अपनी माताजी को भी लाइन में लगा दिया और सिर्फ़ ढकोसलेबाज़ी की गई। शत्रुघ्न सिन्हा ने ऐसे दिन पार्टी को अलविदा कहा है जब बीजेपी अपना स्थापना दिवस मना रही है। 
यह तय माना जा रहा था कि बीजेपी इस बार शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट नहीं देगी और ऐसा हुआ भी। बीजेपी ने शत्रुघ्न की जगह पटना साहिब की सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारा है।

यह वही शत्रुघ्न सिन्हा हैं जिनकी कभी बीजेपी को बहुत ज़रूरत हुआ करती थी। सिन्हा पिछला चुनाव पटना साहिब से लड़े थे और बड़ी जीत हासिल की थी। 

शत्रुघ्न फ़िल्म इंडस्ट्री का जाना-माना चेहरा हैं। शत्रुघ्न को बीजेपी ने कई राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए भेजा और दूसरों को ‘ख़ामोश’ कर देने वाली उनकी आवाज़ से वोट भी बटोरे।

लेकिन बीते दो सालों में शत्रुघ्न सिन्हा लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पर हमलावर रहे हैं। सिन्हा ने कई मौक़ों पर मोदी और अमित शाह से सवाल पूछकर उनके लिए मुश्किलें खड़ी की हैं, उनके सवालों से बीजेपी नेतृत्व को कई बार असहजता का सामना करना पड़ा था। 

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अमित शाह के बेटे जय शाह के ख़िलाफ़ लगे गंभीर आरोपों को लेकर सिन्हा ने कहा था कि इन आरोपों को दबाने की कोशिश क्यों की जा रही है, सच सामने आना ही चाहिए। 
बीजेपी से बग़ावत करने के बारे में सिन्हा ने कहा था कि अगर सच बोलना बग़ावत है तो वह बाग़ी हैं। सिन्हा ने कहा था कि वह किसी का स्तुतिगान नहीं करेंगे और बीजेपी को आईना दिखाने का काम करते रहेंगे क्योंकि देश पार्टी से बड़ा है।

इसके अलावा सिन्हा यह भी कह चुके हैं कि वह ‘मन की बात’ नहीं करते, यह तो कोई और (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) करता है। मैं तो ‘दिल की बात’ करता हूँ।

भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ मोदी के बहुचर्चित नारे ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूँगा’ पर कटाक्ष करते हुए सिन्हा कह चुके हैं कि आजकल हो यह रहा है कि ‘ना जियूँगा, ना जीने दूँगा।' बार-बार यह चर्चा उठी कि शत्रुघ्न केंद्र सरकार में मंत्री न बनाए जाने से नाराज़ हैं लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया। 

शत्रुघ्न सिन्हा ने सरकार एवं संगठन चला रही व्यवस्था को ‘एक आदमी की सेना’ और ‘दो आदमी का शो’ क़रार दिया था। मोदी सरकार पर क़रारा हमला बोलते हुए सिन्हा ने कहा था कि सरकार के मंत्री ‘चाटुकारों की टोली’ हैं और इनमें से 90 फ़ीसदी को कोई नहीं जानता। 

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नोटबंदी और जीएसटी जैसे सरकारी फ़ैसलों पर बोलने के कारण उनकी आलोचना करने वालों पर भी शत्रुघ्न सिन्हा ख़ूब बरसे थे। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था, ‘यदि एक वकील वित्त मंत्री बन सकता है, एक टीवी अदाकारा मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती है और एक चाय वाला...फिर मैं इन मुद्दों पर क्यों नहीं बोल सकता?’ 
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सिन्हा के अलावा, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी भी मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ख़ासे हमलावर रहे हैं। शत्रुघ्न सिन्हा के बारे में चर्चा है कि वह कांग्रेस के टिकट पर दिल्ली की किसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा वाजपेयी सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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