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2024 चुनाव: राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रणनीति बनाएगी जेडीयू

जनता दल यूनाइटेड यानी जेडीयू पदाधिकारियों की बैठक 3 और 4 सितंबर को पटना स्थित मुख्यालय में होगी। इस बैठक में तमाम अहम राजनीतिक प्रस्ताव पास हो सकते हैं क्योंकि जेडीयू ने बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े कई पोस्टर लगाकर उन्हें 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का चेहरा या प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर आगे करने की कोशिश की है। 

पटना स्थित पार्टी कार्यालय में लगाये गये ये नये पोस्टर्स जबरदस्त चर्चा में हैं। इसमें पहला नारा है, ‘प्रदेश में दिखा, देश में दिखेगा’। पोस्टर्स के अन्य नारों में है, ‘आश्वासन नहीं, सुशासन’, ‘मन की नहीं, काम की’ और ‘जुमला नहीं, हकीकत’।

यह माना जा रहा है कि इन नारों को नीतीश को विपक्ष का चेहरा बनाने की रणनीति के तहत ही गढ़ा गया है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार जल्द ही कुछ राज्यों के दौरे पर निकलेंगे। इस बारे में जेडीयू के वरिष्ठ नेता दूसरे राज्यों के विपक्षी नेताओं से विचार-विमर्श कर रहे हैं। 

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3 सितंबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी जबकि 4 सितंबर को राष्ट्रीय परिषद की बैठक होनी है। दोनों दिनों में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर जेडीयू कैसे आगे बढ़े, इस बारे में मंथन होगा। 

जेडीयू के ये पोस्टर्स तब सामने आये हैं जब तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव पटना में आकर नीतीश कुमार और लालू प्रसाद से मिलकर ‘भाजपा मुक्त भारत’ का नारा दोहरा कर वापस गए हैं। उन्होंने नीतीश कुमार को एक बेहतर नेता बताया हालांकि पत्रकारों के बार-बार पूछने पर भी उन्होंने यह नहीं कहा कि प्रधानामंत्री मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा कौन होगा और क्या नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के साझा उम्मीदवार होंगे। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि समय आने पर इसके बारे में निर्णय लिया जाएगा।

खुद नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेते ही एक तरह से संकेतों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे दी थी। नीतीश कुमार ने कहा था, 'जो 2014 में आए, क्या वे 2024 में आएंगे?' 

बिहार में राजनीतिक उलटफेर 

बिहार में बीते महीने एक बड़ा राजनीतिक उलटफेर हुआ था जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इसके बाद से ही जेडीयू और बीजेपी के बीच में जुबानी जंग तेज हो गई है। 

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नीतीश कुमार के महागठबंधन के साथ आने से निश्चित रूप से बिहार की सियासत बदली है और बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण हिंदी प्रदेश में बड़ा झटका लगा है।

विपक्षी दल राजी होंगे?

जेडीयू नेताओं के बयानों से साफ दिखता है कि वह नीतीश कुमार को 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में देखना चाहते हैं। लेकिन क्या पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार सरकार में सहयोगी कांग्रेस, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, यूपीए के अन्य घटक दल इसके लिए राजी होंगे। 

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क़मर वहीद नक़वी
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