बिहार विधानसभा चुनाव से चंद महीने पहले सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी महागठबंधन के बीच में एक नई राजनीतिक जमीन तैयार करने की कोशिश दिखाई दी है। इसका नेतृत्व पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कर रहे हैं। यशवंत सिन्हा कभी भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता हुआ करते थे, लेकिन केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद उन्हें तवज्जो नहीं दी गई। इस कारण वो लगातार हाशिये पर आते चले गए और अब अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए बिहार की राजनीति में एक नये मोर्चे के रूप में ख़ुद को लांच करने की कोशिश कर रहे हैं।

यशवंत सिन्हा ने शनिवार को पटना में प्रेस वार्ता की और कहा कि आने वाले चुनाव में हम लोग बिहार में एक नयी शक्ति पैदा करना चाहते हैं।