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सतीश कौशिक।

मेरा नाम है कैलेंडर...सतीश कौशिक का न भूलने वाला किरदार

सतीश कौशिक के अचानक निधन से जो जेहन में जो पहली तस्वीर उभरी, वो मिस्टर इंडिया के कैलेंडर की थी। उसके बाद फिर अपने समय की सुपरहिट कालजयी हास्य फिल्म जाने भी दो यारो के संवाद गूंजे। ये दो ऐसी फिल्में हैं जो सतीश कौशिक को हमारे बीच हमेशा जिन्दा रखेंगी।

सतीश का आकस्मिक निधन एक सदमे से कम नहीं है। वो मुंबई में शायर जावेद अख्तर की होली पार्टी में शामिल होने के बाद गुड़गांव में अपने रिश्तेदार के घर आए थे। जिस समय गुड़गांव में उनका आज सुबह निधन हुआ, वो कार में किसी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उसी समय उनकी तबियत बिगड़ी और अस्पताल ले जाने से पहले रास्ते में ही उनका निधन हो गया। निधन से कुछ घंटे पहले सतीश कौशिक ने कुछ घंटे पहले ही ऋचा चड्ढा और अली फजल के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी। ये जावेद अख्तर के घर होली पार्टी की तस्वीरें थीं।
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एक्टर सतीश कौशिक को आखिरी बार अनिल कपूर की थार फिल्म में देखा गया था, लेकिन यह उनकी आखिरी फिल्म नहीं थी। अभिनेता कंगना रनौत की इमरजेंसी में वो काम कर रहे थे। इंदिरा गांधी पर बन रही बायोपिक में वो जगजीवन राम की भूमिका में नजर आएंगे।

सतीश कौशिक ने मिस्टर इंडिया, दीवाना मस्ताना, हम आपके दिल में रहते हैं और तेरे नाम जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।

Bollywood shocked on death of Mr India character 'calendar' satish kaushik  - Satya Hindi
शायर जावेद अख्तर और एक्ट्रेस महिमा चौधरी के साथ सतीश कौशिक। जावेद के घर एक दिन पहले होली पार्टी की आखिरी तस्वीर।
कुंदन शाह की जाने भी यारो में सतीश कौशिक, सतीश शाह और नसीरुद्दीन शाह कई फिल्मों में साथ रहे। यह जोड़ी जाने भी दो यारो के समय बनी थी। सतीश कौशिक के परिवार में अब उनकी पत्नी शशि और उनकी 11 साल की बेटी वंशिका कौशिक हैं। 
सतीश कौशिक के कुछ और प्यारे किरदारों को भुला पाना नामुमकिन है। फिल्म बड़े मियां छोटे मियां के शराफत अली हों, दीवाना मस्ताना के पप्पू पेजर हों या मिस्टर इंडिया का कैलेंडर। दिल्ली में करोलबाग के रहने वाले सतीश कौशिक किरोड़ीमल कॉलेज (केएमसी) के छात्र थे और अभिनय की पहली सीढ़ी इसी कॉलेज से चढ़ी थी। इसके बाद वो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) चले गए। कुछ समय के लिए पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टीवी (आईआईएफटी) से भी कोर्स किया। 
अपने शुरुआती दिनों में वो मासूम फिल्म के डायरेक्टर शेखर कपूर के पास काम मांगने के लिए जाते थे। शेखर कपूर का स्टाफ उन्हें मिलने नहीं देता था। एक दिन सतीश कौशिक वहां जाकर बोल आए कि एक दिन शेखर कपूर मुझसे मिलने के लिए समय मांगेंगे। शेखर कपूर ने सतीश कौशिक को बुलाया और मासूम में सहायक डायरेक्टर के तौर पर रख लिया। उसके बाद सतीश कौशिक की रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ती रही। मिस्टर इंडिया का कैलेंडर चरित्र उनके फिल्मी जीवन के लिए गेम चेंजर बन गया। सतीश कौशिक बेहतरीन हास्य अभिनेता के अलावा बेहतरीन डायरेक्टर भी थे। सलमान खान की फिल्म तेरे नाम इसका नमूना है। सतीश कौशिक इसके अलावा कविताएं और कहानियां भी लिखते थे। जाने भी दो यारो में लिखे गए उनके डॉयलॉग का जिक्र ऊपर हो चुका है।
पूरा बॉलीवुड आज उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। लेकिन सबसे पहले अनुपम खेर ने ही उनके निधन के बारे में सूचित किया।
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क़मर वहीद नक़वी
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