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मोदी महिमामंडन की चालाक कोशिश है फ़िल्म 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक' 

फ़िल्म 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक' को 4 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। इस फ़िल्म के निर्देशक आदित्य धर को सर्वोत्कृष्ट निर्दशन के लिए पुरस्कार दिया गया है तो नायक विक्की कौशल को सबसे अच्छे अभिनेता के पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके अलावा फ़िल्म को बेस्ट साउंड डिज़ाइन और बेस्ट बैंकग्राउंड म्यूज़िक के लिए भी पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। क्या है, इस फ़िल्म में, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शैलेश। 
शैलेश

मोदी महिमामंडन की एक चालाक कोशिश भी है फ़िल्म 'उरी : द सर्जिकल स्ट्राइक'। फ़िल्म में बहुत चतुराई से यह बताने की कोशिश की जाती है कि पाक अधिकृत कश्मीर में 2016 का सर्जिकल स्ट्राइक दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके राजनीतिक सिपहसालारों की परिकल्पना थी और सेना ने तो महज़ उसे अंजाम तक पहुंचाया था। राजनीति और सैनिक गतिविधियों को जोड़ना एक ख़तरनाक प्रवृति साबित हो सकती है। भारत और सभी स्वस्थ लोकतांत्रिक देशों में सेना को राजनीति से अलग रखा जाता है। युद्ध की अनुमति देने जैसे कुछ बड़े मामलों को छोड़ दें तो सेना अपना काम स्वतंत्र रूप से करती रहती है। इसलिए भारत मैं जब भी युद्ध की कहानियों पर फ़िल्म बनी उसे राजनीति सेअलग रखा गया। सत्तर के दशक की फ़िल्म हक़ीक़त भी युद्ध की पृष्ठभूमि पर बनी थी, लेकिन फ़िल्म के ज़रिए किसी राजनीतिक व्यक्तित्व को युद्ध का रणनीतिकार बनाने की कोशिश नहीं की गई।

Film Uri: The Surgical Strike is a clever attempt on glorifying Modi - Satya Hindi
फ़िल्म 'हक़ीकत'

तकनीक के हिसाब से देखें तो 'उरी : द  सर्जिकल स्ट्राइक' निश्चित तौर पर एक बेहतरीन प्रोडक्शन है। इसलिए फ़िल्म दर्शकों को बाँधने में सक्षम है। लेकिन यह कोई डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म नहीं है, यानी घटनाओं को उसी तरह नहीं दिखाया गया है जैसे वे घटी थीं। फ़िल्म में काल्पनिक चरित्र है। कहानी में भी कल्पना का पुट है। सिर्फ़ एक बात वास्तविक घटना है कि कि फ़िल्म 2016 में कश्मीर के उरी सेना कैंप पर आतंकवादियों के हमले के बाद सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुस कर आतंकवादियों के चार ट्रेनिंग कैंपों को ध्वस्त कर दिया था। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ। इसके पहले म्यांमार के जंगलों में घुस कर भारतीय सेना ने आतंकवादियों के ठिकानों को ध्वस्त किया था।पाक अधिकृत कश्मीर के आतंकवादी ठिकाने लंबे समय से भारतीय सेना के निशाने पर रहे हैं। 

लेकिन उरी फ़िल्म यह साबित करने की कोशिश करती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके  सलाहकार सर्जिकल स्ट्राइक के सूत्रधार और आर्किटेक्ट दोनों थे। लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस तरह की फ़िल्म का आना एक राजनीतिक मक़सद का संकेत भी देता है। इसके कुछ ही दिनों पहले 'द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर' फ़िल्म आयी थी। यह फ़िल्म पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बहाने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर निशाना साधती है। इस फ़िल्म में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक उभरते नायक की तरह दिखाया गया है। 

Film Uri: The Surgical Strike is a clever attempt on glorifying Modi - Satya Hindi

ख़बर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित 2 और फ़िल्में आने वाली हैं।  इनमें से एक में अभिनेता और भारतीय जनता पार्टी के सांसद परेश रावल को नरेंद्र मोदी की भूमिका दी गई है। फ़िल्म 'उरी द सर्जिकल स्ट्राइक' में परेश रावल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहयोगी और सर्जिकल स्ट्राइक के मुख्य योजनाकार के रूप में दिखाया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महानायक साबित करने के लिए एक के बाद एक फ़िल्मों की क़तार को महज़  एक संयोग  मानना मुश्किल है।

2019 का लोक सभा चुनाव देश का पहला ऐसा चुनाव है, जब राजनीतिक फ़िल्मों की बाढ़ सी दिखाई दे रही है। इसी महीने शिव सेना के पूर्व प्रमुख बाल ठाकरे पर एक फ़िल्म ठाकरे रिलीज़ हो रही है। ज़ाहिर है कि इसका फ़ायदा अगले चुनावों में शिवसेना को मिल सकता है। आँध्र  प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एन. टी. रामाराव पर दो फ़िल्में आ रही हैं। इसको  लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। पहले जो काम टीवी चैनल, ख़ासकर न्यूज़ चैनल, करते थे उसी तरह का काम अब बड़े पर्दे यानी फ़िल्मों से लेने की कोशिश की जा रही है।

उरी फ़िल्म में दर्शक ताली बजाते हैं। 'भारत माता की जय' के नारे लगाते हैं। आतंकवादियों को मौत के घाट उतारे जाने पर रोमांच से चिल्लाते भी है और हॉल से बाहर निकलते समय राजनीतिक नेतृत्व पर चर्चा करते दिखाई देते हैं। फ़िल्म का मक़सद अगर प्रधानमंत्री मोदी को सैनिक मामलों का महान रणनीतिकार साबित करना और राजनीतिक तौर पर उनकी मदद करना है तो फिर अलग बात है, अन्यथा ऐतिहासिक फिल्मो को राजनीति से दूर रखना ही बेहतर है। ख़ासकर सैनिक मामलों को तो राजनीति से निश्चित तौर पर दूर रखा जाना चाहिए।

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