loader

कोरोना: लॉकडाउन के बीच शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों को हटाया गया

कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली में लॉकडाउन के बीच ही अब नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ तीन महीने से भी ज़्यादा समय से शाहीन बाग़ में प्रदर्शन कर रहे लोगों को मंगलवार सुबह हटा दिया गया। रिपोर्ट है कि महिलाओं सहित कुछ लोगों को रात में हिरासत में लिया गया था। पुलिस के अनुसार बार-बार आग्रह के बाद भी वे प्रदर्शन की जगह से हटने को तैयार नहीं थे इसलिए ऐसी कार्रवाई की गई। कहा गया है कि कोरोना वायरस के फैलने के कारण ज़्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर पाबंदी है। 

कोरोना वायरस को लेकर शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों के बीच भी दो पक्षों में पहले विवाद भी होता रहा है। इसमें एक पक्ष कोरोना को लेकर इसको टालने के पक्ष में था तो दूसरा प्रदर्शन जारी रखने के पक्ष में।

ताज़ा ख़बरें

दो दिन पहले यानी 22 मार्च को जब शाहीन बाग़ में प्रदर्शन स्थल पर पेट्रोल बम से हमला किया गया था तब भी ऐसे ही विवाद की बात कही गई थी। कुछ रिपोर्टों में कहा गया था कि प्रदर्शन ख़त्म करने को लेकर इसके दो पक्षों के बीच बीती रात हाथापाई भी हुई थी। विवाद इतना बढ़ गया था कि पुलिस को बुलाना पड़ा था। पुलिस को आशंका थी कि उनके दो गुटों के बीच आंतरिक कलह के कारण पेट्रोल बम के हमले की आशंका है।

बता दें कि रविवार को ही रिपोर्टें आई थीं कि पाँच प्रदर्शन करने वालों को छोड़कर बाक़ी सभी प्रदर्शन स्थल से चले गए थे। हालाँकि वे कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ने में एकजुटता दिखाने के लिए चले तो गए थे, लेकिन सांकेतिक प्रदर्शन जारी रखने के लिए उन्होंने अपनी चप्पलें प्रदर्शन स्थल पर छोड़ दी थीं। 

नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ शाहीन बाग़ में दिसंबर महीने से ही अहिंसात्मक तरीक़े से विरोध किया जा रहा था और क़रीब 100 दिन पूरे हो चुके थे। कई बार इसको ख़त्म करने के लिए प्रयास किया गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भेजे गए वकीलों के समूह के बात करने पर भी धरना ख़त्म नहीं हुआ। इस प्रदर्शन के कारण देश भर में ऐसे ही प्रदर्शन कई जगहों पर हुए। लेकिन अब कोरोना वायरस के डर से इसको ख़त्म करने का दबाव है। 

दिल्ली से और ख़बरें
कोरोना वायरस देश और दुनिया ही नहीं, दिल्ली में भी काफ़ी तेज़ी से फैल रहा है। दिल्ली में ही कम से कम 30 पॉजिटिव मामले आ चुके हैं और एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है। इसको फ़ैलने से रोकने के लिए देश के 30 राज्यों में लॉकडाउन किया गया है। यानी देश के अब 548 ज़िले पूरी तरह बंद रहेंगे। उड़ानें बंद करने का फ़ैसला लिया गया है। पंजाब, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों में तो कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। इस बीच शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों को अपना प्रदर्शन या तो ख़त्म या फिर आगे टालने के लिए दबाव भी था। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें