loader

एमसीडी चुनाव: क्या बीजेपी-आप में ही सिमट जाएगी लड़ाई?

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनाव को लेकर कुछ ओपिनियन पोल और दिल्ली की सियासत को देखें तो लगता है कि चुनावी मुकाबला बेहद कड़ा होगा और यह आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच दिखाई देगा। ऐसा ही संकेत चुनाव सर्वेक्षण करने वाली एजेंसी सीएसडीएस के सर्वे में मिला है। 

सीएसडीएस ने एमसीडी चुनाव 2022 को लेकर सर्वे किया है और इसमें यह बात सामने आई है कि दिल्ली के लोग इस चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर मानते हैं और कांग्रेस इस मुकाबले में तीसरे स्थान पर दिखाई देती है। 

मतदान से 10 दिन पहले किए गए इस सर्वे के मुताबिक आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव में बीजेपी से 5 से 7 फीसद ज्यादा वोट हासिल कर सकती है। सर्वे के मुताबिक बीजेपी दूसरे नंबर पर रह सकती है और उसे 36 से 39 फीसद वोट मिल सकते हैं जबकि कांग्रेस को 9 से 12 फीसद वोट मिलने की बात कही गई है। 

mcd election 2022 bjp aap congress - Satya Hindi
सर्वे के मुताबिक, उच्च जातियों और दिल्ली की समृद्ध कॉलोनियों में रहने वाले मतदाताओं का झुकाव आम आदमी पार्टी के मुकाबले बीजेपी के प्रति ज्यादा है। जबकि निचले तबकों का झुकाव आम आदमी पार्टी की ओर दिखाई देता है।

सर्वे कहता है कि बीजेपी हिंदुओं में ऊंची जाति के लोगों का समर्थन जीतने की कोशिश कर रही है हालांकि इन जातियों का एक तबका आम आदमी पार्टी व अन्य पार्टियों को भी प्राथमिकता देता है। जबकि अन्य जातियों में आम आदमी पार्टी का जनाधार बीजेपी से अधिक है। 

मुस्लिम समुदाय का रुझान

मुस्लिम समुदाय के 5 में से 3 मतदाता आम आदमी पार्टी के पक्ष में दिखते हैं और अन्य दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय में से भी 3 में से 2 लोग आम आदमी पार्टी को वोट देने की बात कहते हैं। सर्वे यह भी कहता है कि दिल्ली में मुस्लिम मतदाताओं का एक चौथाई हिस्सा वोटिंग में कांग्रेस को प्राथमिकता देने की बात कहता है।

mcd election 2022 bjp aap congress - Satya Hindi

सर्वे के मुताबिक, एमसीडी चुनाव में हिंदू ओबीसी जातियों के 46 फीसदी मतदाता आम आदमी पार्टी को, 39 फीसदी मतदाता बीजेपी को और 7 फीसदी मतदाता कांग्रेस को वोट दे सकते हैं। जबकि ऊंची जातियों में 33 फीसदी मतदाता आम आदमी पार्टी को, 41 फीसदी मतदाता बीजेपी को और 4 फीसदी मतदाता कांग्रेस को वोट दे सकते हैं। दलित समुदाय की बात करें तो इस समुदाय के 52 फीसद मतदाता आम आदमी पार्टी को, 38 फीसद मतदाता बीजेपी को 3 फीसद मतदाता कांग्रेस को वोट दे सकते हैं। 

जबकि मुस्लिम समुदाय के 60 फीसद मतदाता आम आदमी पार्टी को, 3 फीसद मतदाता बीजेपी को और 26 फीसद मतदाता कांग्रेस को वोट दे सकते हैं। 

गरीब तबके में आप ज्यादा लोकप्रिय 

सर्वे कहता है कि आम आदमी पार्टी की गरीब और निचले आर्थिक वर्ग के मतदाताओं के बीच लोकप्रियता बढ़ी है। गरीब तबके में 46 फीसद लोग आम आदमी पार्टी को पसंद करते हैं, 25 फीसद बीजेपी को और 11 फीसद कांग्रेस को। निचले तबके में 51 फीसद लोग आम आदमी पार्टी को, 34 फीसद लोग बीजेपी को और 7 फीसद लोग कांग्रेस को, इसी तरह मध्य वर्ग में 44 फीसद लोग आम आदमी पार्टी को, 38 फीसद लोग बीजेपी को, 11 फीसद कांग्रेस को पसंद करते हैं। 

mcd election 2022 bjp aap congress - Satya Hindi

अमीर वर्ग में 36 फीसद लोग आम आदमी पार्टी को, 38 फीसद लोग बीजेपी को, 2 फीसद लोग कांग्रेस को पसंद करते हैं। 

महिलाओं की पसंद है आप

सर्वे के मुताबिक, महिलाओं की सबसे बड़ी पसंद आम आदमी पार्टी है। एमसीडी चुनाव में 50 फीसद महिलाएं आम आदमी पार्टी को वोट देने की बात कहती हैं जबकि 37 फीसद बीजेपी और 7 फीसद महिलाएं कांग्रेस को वोट देने की बात कहती हैं। पुरुषों में 38 फीसद पुरुष आम आदमी पार्टी को, 34 फीसद बीजेपी को और 7 फीसद कांग्रेस को वोट देने की बात कहते हैं। 

दिल्ली से और खबरें

आप जीतेगी?

क्योंकि आम आदमी पार्टी साल 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली में जीत हासिल कर सरकार बना चुकी है। 2015 और 2020 के चुनाव में उसने प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली में सरकार बनाई थी, इसलिए आम आदमी पार्टी को ऐसी उम्मीद है कि एमसीडी के चुनाव में भी वह बड़ी जीत हासिल करेगी। हालांकि 2017 में एमसीडी चुनाव में उसे करारी शिकस्त मिली थी। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली वालों से कहा था कि उन्हें बड़ी जीत का स्वाद लग गया है और दिल्ली के लोग 250 वार्ड में से 230 वार्ड में आम आदमी पार्टी को जीत दिलाएं। क्योंकि दिल्ली में पिछले 9 सालों से आम आदमी पार्टी की ही सरकार है इसलिए एमसीडी के नतीजे, आम आदमी पार्टी सरकार की नीतियों और लोगों का कितना समर्थन केजरीवाल सरकार के साथ है, इस बारे में भी बताएंगे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें