कुछ लोग सोशल मीडिया को नफ़रत से भर देना चाहते हैं। उनकी हर पोस्ट, हर कमेंट किसी जाति, भाषा, मज़हब को निशाना बनाने के लिए होती है। वे नहीं चाहते कि सोशल मीडिया पर बहुलतावाद हो, सबको अपनी बात रखने की आज़ादी हो।