सवर्णों के लिए आर्थिक आरक्षण के विधेयक को संसद के दोनों सदनों ने प्रचंड बहुमत से पारित कर दिया है। आरक्षण का आधार यदि आर्थिक है तो उसे मेरा पूरा समर्थन है। वह भी सरकारी नौकरियों में नहीं, सिर्फ़ शिक्षण-संस्थाओं में ! इस दृष्टि से यह शुरुआत अच्छी है लेकिन इस विधेयक को संसद ने जिस हड़बड़ी और जिस बहुमत या लगभग जिस सर्वसम्मति से पारित किया है, उससे ज़्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। इसने संसद की इज्जत को पैंदे में बिठा दिया है।
आर्थिक आरक्षण : ढोंग, फ़रेब और सरासर फ़र्ज़ीवाड़ा?
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- 2 Feb, 2019


सवर्णों के लिए आर्थिक आरक्षण के विधेयक को जिस बहुमत से पारित किया गया है, उससे ज़्यादा शर्मनाक बात क्या हो सकती है। इसने संसद की इज्जत को पैंदे में बिठा दिया है।


























