सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी, जिसके आधार पर विधायकों की मुख्य संसदीय सचिव यानी सीपीएस के रूप में मिली मंत्री स्तर की सुविधाएँ ख़त्म हो जातीं। विधायकों को जिस अधिनियम के आधार पर मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था उसको ही हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया। इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई।
सीजेआई संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार की पीठ ने सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार की अपील पर नोटिस जारी करते हुए आदेश दिया कि अगली सुनवाई की तारीख तक, पैराग्राफ 50 के अनुसार आगे कोई कार्यवाही नहीं होगी।


























