एनडीए के सहयोगी दल पहली बार बीजेपी के असहमत दिख रहे हैं। जेडीयू, आरएलडी के बाद अब चिराग पासवान ने यूपी में योगी के कांवड़ यात्रा नियमों का विरोध किया है। उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने का सामान बेचने वाले होटलों, ढाबों, रेहड़ी-पटरी वालों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया गया है और इस पर ही विवाद हो रहा है। इसी को लेकर एनडीए के सहयोगी अब असहज महसूस कर रहे हैं। तो क्या सहयोगी दलों पर निर्भर केंद्र सरकार के मुखिया मोदी ऐसा चाहेंगे? यदि नहीं तो योगी आदित्यनाथ सहयोगी दलों की आपत्ति के बाद भी इस आदेश पर और मज़बूत क्यों नज़र आ रहे हैं?