सपा के वरिष्ठ नेता औऱ पूर्व मंत्री आजम खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को 87वें मामले में जमानत दे दी। जिस मामले में उन्हें जमानत मिली है वो वक्फ बोर्ड से जुड़ा मामला है। उन पर आरोप है कि वक्फ की जमीन अपने नाम करा ली थी। इस मामले में जमानत मिलने के बावजूद आजम अभी भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। उन पर 88वीं एफआईआर दर्ज है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने फर्जी सर्टिफिकेट के जरिए स्कूल की मान्यता हासिल की है।

सारा मामला राजनीतिक है। पिछले शुक्रवार को जो हुआ, उसी से संकेत मिलता है। पिछले शुक्रवार को रामपुर पुलिस ने 88वीं एफआईआर दर्ज की। रामपुर पुलिस ने शुक्रवार को स्कूल मान्यता केस में एक सप्लीमेंट्री एफआईआर दर्ज की, जिसमें सह आरोपी के रूप में आजम खान का नाम दर्ज किया गया।  सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट को इस बात के लिए फटकार लगाई थी कि वो 137 दिनों से 87वीं एफआईआर में आजम खान की जमानत पर क्यों नहीं फैसला सुना रही है।


सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी से यूपी सरकार को संकेत मिल गया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट अब आजम खान को जमानत दे देगी। इसके बाद 88वीं एफआईआर दर्ज कर ली गई।