loader

पूर्व आईपीएस के गोली मारने के बयान पर पुनिया बोले- 'बता कहाँ आना है...'

पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन के बीच केरल के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एनसी अस्थाना ने विवादित बयान दे दिया है। अस्थाना ने चेतावनी दे डाली कि यदि ज़रूरी हुआ तो विरोध करने वाले पहलवानों के खिलाफ पुलिस गोलियों का इस्तेमाल कर सकती है। अस्थाना के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। अस्थाना के बयान पर लोगों ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इस रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी ने अपने समय में कैसी नौकरी की होगी! कुछ ने पूछा कि अस्थाना कितने लोगों को मारोगे।

इस बीच अस्थाना के ट्वीट के जवाब में गोल्ड मेडलिस्ट बजरंग पुनिया ने भी कह दिया कि वह अपने सीने पर गोलियों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने पूछा कि वह बताएँ कि कहाँ पर गोली खाने आना है। 

तीखी प्रतिक्रियाओं के बाद एनसी अस्थाना ने अब सफ़ाई दी है और उन्होंने कहा है कि उन्होंने तो यह कहा था कि क़ानून व्यवस्था तोड़ने वालों पर बल प्रयोग पुलिस का क़ानूनी अधिकार है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'कानून व्यवस्था तोड़ने वालों पर बल प्रयोग (जो जान लेने तक जा सकता है) पुलिस का कानूनी अधिकार है। मैंने केवल पुलिस के कानूनी अधिकार के बारे में ज्ञान दिया और कुछ लोग उस पर ऐसे रियेक्ट कर रहे हैं जैसे मैंने धमकी दी हो। मैं कौन सा अब सर्विस में हूँ? अजब मूर्खता है! ज्ञान भी न दूं?'

गोली मारने के बयान वाले अस्थाना के ट्वीट का क्या मतलब है, यह खुद ही समझा जा सकता है। यदि उनके इस बयान से इतर बात करें तो उनके दूसरे ट्वीट भी पहलवानों के प्रदर्शन पर ऐसी ही टिप्पणियाँ करते रहे हैं। उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में कहा था, 'आज बहुत शुभ मुहूर्त था। बड़े दिनों से गंदगी फैला रखी गई थी। दिल्ली पुलिस को बहुत बधाई कि गंदगी को घसीट कर गंदगी की तरह ही फेंका। आ हा हा हा... पुलिस जब अपने अधिकारों का उचित प्रयोग करती है तो अच्छा लगता है। स्वयं भगवान कृष्ण ने कहा है, दंडो दमयताम् अस्मि--दुष्टों के लिये मैं दंड हूं।'

ताज़ा ख़बरें
एक अन्य ट्वीट में अस्थाना ने लिखा है, 'कुछ मूर्खों को पुलिस के गोली मारने के अधिकार के विषय में शंका है। अंग्रेजी पढ़ सकते हों तो अखिलेश प्रसाद के केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ लें। जो अनपढ़ नहीं पढ़ सकते हैं उन्हें नेक सलाह है कि इस अधिकार की परीक्षा न लें। बेवजह बीवियां विधवा होंगी और बच्चे अनाथ! औक़ात में रहें।' अब इस ट्वीट का क्या मतलब निकलता है, क्या इसमें कोई संदेह है?

महिला पहलवानों पर रविवार को सख्ती वाले एक वीडियो को रिट्वीट करते हुए अस्थाना ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'हा हा हा। मज़ा आ गया! थोड़ी पिटाई हो जाती तो और भी अच्छा लगता।'

बहरहाल, एनसी अस्थाना के गोली मारने वाले ट्वीट पर सोशल मीडिया यूज़रों ने आपत्ति जताते हुए अस्थाना के बयान को हेट स्पीच बताया है। लेखक अशोक कुमार पांडेय ने कहा है कि यह सीधे हिंसा की धमकी है। 

प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा है, 'पूर्व आईपीएस अधिकारी, अब एक पूर्णकालिक अभद्र व्यक्ति। ऐसी नेक सेवाओं के लिए हमारे देश का प्रशिक्षण कहाँ और कब गलत हो गया?'

पत्रकार अभिषेक आनंद ने कहा है कि ये पूर्व आईपीएएस अफ़सर का नफ़रती बयान है और सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा फ़ैसले के अनुसार इस पर एफ़आईआर होनी चाहिए। 

धर्मवीर शर्मा नाम के यूज़र ने लिखा है, '...शायद चुनावों में टिकट की चाहत है या फिर दुबारा से कोई सरकार के रहमोकरम से कोई मलाईदार पोस्ट चाह रहा है।'

बता दें कि महिला पहलवान भारतीय कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में संगीता फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया जैसे पहलवान शामिल हैं। कम से कम 7 महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। लंबे समय से वे कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद एफ़आईआर दर्ज की गई है। लेकिन महिला पहलवान उनकी गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं। वे आरोप लगा रहे हैं कि क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी के सांसद हैं इसलिए मोदी सरकार कार्रवाई नहीं कर रही है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
अमित कुमार सिंह
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें