बीजेपी शासित गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मांसाहारी भोजन की रेहड़ियों को हटाने के आदेश पर सफाई देते हुए जब कहा कि जिसको जो खाना हो खाए, पर वह खाना स्वास्थ्यवर्द्धक हो और रेहड़ियों की वजह से यातायात में रुकावट न हो, तो उन्होंने एक नई बहस छेड़ दी।
मांसाहारी समाज पर शाकाहार थोपना बीजेपी-आरएसएस का हिन्दुत्ववादी एजेंडा है?
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- 17 Nov, 2021
सदियों से मांसाहार करने वाले समाज पर शाकाहार थोपने की कोशिश कर रही है बीजेपी-आरएसएस। क्या मुसलमानों को निशाने पर लेने की रणनीति है?

क्या वाकई ट्राफिक जाम दूर करने के लिए ही इन रेहड़ियों को हटाया जा रहा है या इसके पीछे दूसकी वजहें हैं? क्या ऐसा सिर्फ गुजरात में हो रहा है या दूसरी जगहों पर ऐसा किया जा चुका है? क्या सदियों से मांसाहार करने वाले देश पर शाकाहार थोपना बीजेपी-आरएसएस का हिन्दुत्ववादी एजेंडा है?
अहमदाबाद के पहले वडोदरा, राजकोट और भावनगर में इस तरह का फ़ैसला लिया जा चुका है और लागू किया जा चुका है।