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बठिंडा सैन्य स्टेशन

बठिंडा आर्मी स्टेशन में 5वें जवान की मौत कैसे, सेना ने कहा- हादसा

बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर 4 गोली लगने के बाद 'आकस्मिक गोलीबारी' में एक और जवान शहीद हो गया। बुधवार-गुरुवार देर रात बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के अंदर गलती से चली गोली से इस जवान की मौत हुई है। बठिंडा में अभी कल बुधवार को ही फायरिंग में चार जवानों की मौत हो गई। उसके बाद पांचवें जवान के मारे जाने की खबर सामने आई है। कल की घटना के आरोपी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं। सेना ज्यादा जानकारी नहीं दे रही है। पांचवें जवान की मौत भी रहस्यों के घेरे में आ गई है। मरने वाले जवान का नाम लघुराज शंकर बताया गया है।
द ट्रिब्यून के मुताबिक बठिंडा कैंट थाने को एक शिकायत मिली है। जिसमें कहा गया कि यह गलती से हुई फायरिंग का मामला लग रहा है। हालांकि पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। सेना का कहना है कि पांचवें जवान की मौत का कल की घटना से कोई संबंध नहीं है। इस जवान की आयु भी 24-25 साल के आसपास ती।

सेना का बयान

एक सैन्य अधिकारी ने एनडीटीवी पर कहा - कल मरने वाला जवान सेना की अलग यूनिट से था। इस घटना का अन्य चार जवानों के मारे जाने से कोई लेना-देना नहीं है। गोली लगी है, पोस्टमार्टम कराया जाएगा। इस जवान की मौत गलती से हुई फायरिंग से हुई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं, हमारे जांच अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि जिस पांचवें जवान की मौत हुई है वो छुट्टी से 11 अप्रैल को लौटा था। बठिंडा पुलिस के सूत्रों का कहना है कि यह खुदकुशी का मामला लग रहा है।
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कल की घटना में सेना और पुलिस राइफल और कुल्हाड़ी से लैस चेहरे ढंके दो लोगों की तलाश कर रही है। बुधवार सुबह करीब 4:30 बजे आर्टिलरी यूनिट में ऑफिसर्स मेस के पास बैरक में फायरिंग हुई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा- अब तक हमने जो जानकारी जुटाई है, उसके अनुसार यह स्पष्ट है कि यह आतंकवादी कृत्य नहीं है। 
शुरुआत में पुलिस ने अनुमान लगाया था कि यह "फ्रेट्रिकाइड" की घटना है। हालांकि, अधिकारियों ने बाद में कहा कि अभी तक इस घटना पर कोई स्पष्टता नहीं है। पता चला है कि सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने इस मामले पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को जानकारी दी।

बठिंडा सेना स्टेशन के अंदर की घटना की जो जानकारी सेना या पुलिस के जरिए सार्वजनिक की गई है, उससे सारे मामले में रहस्य गहरा उठा है। बठिंडा सेना का महत्वपूर्ण स्टेशन है। वहां पर जबरदस्त सुरक्षा प्रबंध हैं लेकिन अभी तक कल की घटना के आरोपियों का नहीं पकड़ा जाना तमाम सवाल खड़े कर रहा है। उसी दौरान पांचवें जवान की मौत की सूचना आ जाती है और उसे हादसा बता दिया जाता है। बेशक, सेना सब कुछ सही बता रही है लेकिन आरोपियों का नहीं पकड़ा जाना, घटना की वजह का सामने नहीं आना, सारे मामले को रहस्यमय बना रहा है।
सेना के सूत्रों ने कहा कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) के सहयोग से राज्य पुलिस द्वारा चल रही जांच के अलावा पूरी घटना की जांच होगी।आशंका जताई जा रही है कि दो दिन पहले 28 राउंड के साथ लापता बताई जा रही इंसास राइफल का इस्तेमाल फायरिंग की घटना में किया गया था। सेना ने बुधवार को कहा कि इंसास राइफल बरामद कर ली गई है।
एक जवान ने दो अज्ञात लोगों को सफेद कुर्ता-पायजामा पहने, जिनके चेहरे और सिर ढके हुए देखा, जो फायरिंग के बाद बैरक से बाहर आ रहे थे। पुलिस एफआईआर के मुताबिक, उनमें से एक के पास इंसास राइफल और दूसरे के पास कुल्हाड़ी थी। पुलिस की एफआईआर के अनुसार, संदिग्ध हमलावर जवान को देखते ही बैरक के पास एक जंगली इलाके की ओर भाग गए। 
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इसके बाद, सेना के दो अधिकारी बैरक के अंदर गए और सागर बन्ने (25) और योगेश कुमार जे (24) को खून से लथपथ पाया। दूसरे कमरे में संतोष एम नागराल (25) और कमलेश आर (24) के शव मिले। शवों पर गोलियों के निशान थे।

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क़मर वहीद नक़वी
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