इसके जवाब में अदालत ने एफआईआर दर्ज कराने का आदेश देने से मना कर दिया। लेकिन अदालत ने धार्मिक स्थलों पर इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकरों के डेसीबल लेवल को नियंत्रित करने पर जोर दिया। अदालत ने अपने आदेश में मस्जिद, मदरसा जैसा शब्द इस्तेमाल नहीं किया। उसने कहा कि हर धर्म के धार्मिक स्थलों के लाउडस्पीकरों से निकलने वाली आवाज का लेवल कम किया जाए। अदालत ने कहा कि राज्य के सभी धार्मिक संस्थान लाउडस्पीकर, वॉयस एम्पलीफायर, पब्लिक एड्रेस सिस्टम (सार्वजनिक संबोधन प्रणाली) या किसी अन्य आवाज पैदा करने वाले गैजेट में आवाज का डेसीबल लेवल नियंत्रित करने के लिए सिस्टम बनाए।