ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर हमला करने वाले आतंकवादी के पास भारतीय पासपोर्ट होने के दावे के बीच अब उसके भारतीय होने की पुष्टि हुई है। तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी कर कहा है कि बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुए आतंकी हमले में मारा गया मुख्य हमलावर साजिद अकरम मूल रूप से भारत के हैदराबाद का रहने वाला था। साजिद ने 1998 में ऑस्ट्रेलिया में प्रवास किया था और उसने अपने बेटे नवीद अकरम के साथ मिलकर रविवार को यह हमला किया। इसमें 15 लोग मारे गए। साजिद पुलिस की गोलीबारी में मारा गया, जबकि नवीद गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में है।

तेलंगाना पुलिस के डीजीपी के प्रेस नोट के अनुसार, साजिद अकरम ने हैदराबाद में बीकॉम की डिग्री पूरी करने के बाद नवंबर 1998 में रोजगार की तलाश में ऑस्ट्रेलिया का रुख किया था। वहां उसने यूरोपीय मूल की ईसाई महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की और स्थायी रूप से बस गया। दंपति के दो बच्चे हैं- बेटा नवीद और एक बेटी। दोनों ऑस्ट्रेलिया में पैदा हुए और ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं। साजिद अभी भी भारतीय पासपोर्ट धारक था।
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पुलिस ने साफ़ किया है कि भारत में रहते समय साजिद के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। 27 सालों में उसने भारत की सिर्फ छह बार यात्रा की, मुख्य रूप से पारिवारिक कारणों से। पुलिस ने कहा है कि उसके और नवीद के कट्टरपंथी बनने के कारणों का भारत या तेलंगाना से कोई संबंध नहीं लगता। परिवार के सदस्यों ने भी उसके कट्टर विचारों या गतिविधियों की कोई जानकारी होने से इनकार किया है।

परिवार ने वर्षों पहले तोड़ लिए थे रिश्ते

हैदराबाद के ओल्ड सिटी में रहने वाले साजिद के परिवार ने मीडिया को बताया कि उन्होंने वर्षों पहले उनसे सारे रिश्ते तोड़ लिए थे। द न्यूज मिनट और द प्रिंट को दिए बयान में रिश्तेदारों ने कहा कि साजिद ने ईसाई महिला से शादी कर ली थी, जिसके बाद परिवार ने उनसे संपर्क खत्म कर दिया।
साजिद के भाई ने द न्यूज मिनट को बताया कि साजिद 25 साल से अधिक पहले ऑस्ट्रेलिया चला गया था और बाद में ईसाई महिला से शादी की, जिसके बाद परिवार ने रिश्ते तोड़ दिए। भाई ने कहा कि 2009 में पिता की मौत के समय भी साजिद भारत नहीं आया था। उसने अपनी बुजुर्ग मां की बीमारी के बारे में भी कभी जानकारी नहीं ली। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि साजिद के पिता सऊदी अरब से लौटकर हैदराबाद में अपार्टमेंट खरीदे थे, उसी समय साजिद स्टूडेंट वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया।

परिवार के सदस्य अब जाँच के दायरे में हैं, लेकिन पुलिस का कहना है कि प्रारंभिक जाँच में कोई स्थानीय कनेक्शन नहीं मिला। परिवार ने हमले की ख़बर पर सदमा जताया और कहा कि वे वर्षों से संपर्क में नहीं थे।

ऑस्ट्रेलिया में 30 साल की सबसे बड़ी आतंकी घटना

बॉन्डी बीच पर रविवार शाम यहूदी उत्सव हनुक्का मनाने आए क़रीब 1000 लोगों पर साजिद और नवीद ने गोलीबारी की थी। हमले में 15 नागरिक मारे गए। यह ऑस्ट्रेलिया में पिछले 30 साल की सबसे भयावह आतंकी घटना है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इसे यहूदियों पर निशाना बनाकर किया गया आतंकी हमला करार दिया।

साजिद के पास वैध फायरआर्म लाइसेंस था और उसने कानूनी हथियारों का इस्तेमाल किया। नवीद पहले से सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था, क्योंकि उसका इस्लामिक स्टेट से जुड़े सेल से संबंध था। दोनों ने हमले से एक महीने पहले फिलीपींस की यात्रा की थी, जहां कथित तौर पर मिलिट्री स्टाइल ट्रेनिंग ली।
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भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल

इस मामले में पहले एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ था कि हमले से कुछ ही हफ्ते पहले दोनों बाप-बेटे फिलीपींस गए थे। बीबीसी ने अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि वे 1 नवंबर से 28 नवंबर के बीच फिलीपींस में थे और ऐसी ख़बरें हैं कि वे वहां 'मिलिट्री-स्टाइल ट्रेनिंग' लेने गए थे। फिलीपींस के अधिकारियों के हवाले से रिपोर्टों में कहा गया है कि इस यात्रा के लिए साजिद अकरम ने अपने भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था, जबकि उसके बेटे नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का।

बहरहाल, तेलंगाना पुलिस ने कहा कि साजिद की कट्टरता का कोई भारतीय कनेक्शन नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई जाँच जारी है और नवीद पर गंभीर आरोप लगने की संभावना है। इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में बंदूक कानूनों और एंटी-सेमिटिज्म यानी यहूदियों के प्रति घृणा पर बहस छेड़ दी है।