जिन बृज भूषण शरण सिंह पर देश की शीर्ष महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था उनको कुश्ती से जुड़े एक बड़े कार्यक्रम में सम्मानित मेहमान बनाया गया। दिल्ली में प्रो रेसलिंग लीग यानी पीडब्ल्यूएल के फिर से शुरू होने की घोषणा हुई और इस कार्यक्रम में बृज भूषण को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया। वे मंच पर सबसे आगे बैठे थे। उनके बगल में मौजूदा कुश्ती महासंघ यानी डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष संजय सिंह थे।  

नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में डब्ल्यूएफआई के पदाधिकारियों के बीच बृज भूषण शरण सिंह बीच में थे। लीग के सीईओ अखिल गुप्ता ने उन्हें मंच पर बुके भेंट कर स्वागत किया। बृज भूषण डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह के बगल में बैठे थे, जो उनके करीबी सहयोगी हैं। औपचारिक निमंत्रण पत्र में उन्हें गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में नामित किया गया था।

कार्यक्रम में बृज भूषण क्या बोले?

2015 में शुरू हुई यह लीग 2019 में आर्थिक तंगी और महामारी के कारण बंद हो गई थी और अब 2026 में आईपीएल की तर्ज पर यह फिर से शुरू हो रही है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार संजय सिंह ने लीग की व्यवहार्यता पर सवाल के जवाब में कहा, 'बाबा विश्वनाथ की कृपा से यह सालों-साल चलेगी, बाकी नेताजी (बृज भूषण) का आशीर्वाद है।' लीग में छह टीमें होंगी, प्रत्येक में नौ पहलवान (जिनमें चार महिला) शामिल होंगे। लीग जनवरी 2026 में शुरू होने की संभावना है और इसमें ओलंपिक एवं विश्व चैंपियन स्तर के पहलवान भाग लेंगे।

रिपोर्ट के अनुसार बृज भूषण ने अपनी भूमिका पर कहा, 'मैं डब्ल्यूएफआई के निमंत्रण पर यहाँ हूँ। मैं खेल का प्रेमी हूँ, कुश्ती का दीवाना हूँ। कई पुरुष और महिला पहलवानों ने मुझसे अनुरोध किया कि अध्यक्ष से लीग फिर शुरू करने को कहूँ। मेरा इसमें कोई आधिकारिक रोल नहीं है। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि आपकी मौजूदगी अच्छी रहेगी, इसलिए आया हूँ। मुझे उम्मीद है कि देशभर के पहलवान, महिला-पुरुष, सीनियर-जूनियर, सभी खुश होंगे।' जब पीछे से नियंत्रण की बात उठी तो उन्होंने हँसते हुए कहा, 'परदे के पीछे बहुत कुछ होता है।'

बृज भूषण का सपना पूरा कर रहे संजय सिंह?

संजय सिंह ने बृज भूषण को लीग का श्रेय देते हुए कहा, '2015 में हमारे सम्मानित नेताजी ने यह लीग शुरू की थी, जिसका सपना था कुश्ती को नई ऊंचाइयों पर ले जाना। आज वह सपना फिर साकार हो रहा है।'

यौन उत्पीड़न के आरोप

ये वही बृज भूषण शरण सिंह हैं जो पहले डब्ल्यूएफ़आई के पूर्व अध्यक्ष हैं। छह महिला पहलवानों ने 2023 में बृज भूषण पर यौन शोषण, हमला और स्टॉकिंग के आरोप लगाए थे। जून 2023 में दिल्ली पुलिस ने 1500 पेज की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें चार राज्यों से 22 गवाहों के बयान शामिल थे। मई 2024 में आईपीसी की धारा 354 यानी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से हमला और 354ए यानी यौन उत्पीड़न के तहत आरोप तय हुए। जुलाई 2024 से मुकदमा चल रहा है, लेकिन अभी समाप्त नहीं हुआ। एक पीओसीएसओ मामले में उन्हें बरी कर दिया गया, क्योंकि एक नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता ने झूठा बयान देने की बात कही।

2023 में विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया जैसे प्रमुख पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया था और बृज भूषण की गिरफ्तारी की मांग की थी। दिसंबर 2023 में संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष चुने जाने के बाद खेल मंत्रालय ने नई कमेटी को निलंबित कर दिया था। इसके बाद बृज भूषण ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद कहा था कि उन्होंने 'कुश्ती से संन्यास' ले लिया है। वह तब बीजेपी सांसद थे।

शनिवार को जब 2023 के विरोध प्रदर्शनों का जिक्र आया तो बृज भूषण ने कहा, 'कोई भी भेदभाव नहीं होगा। अगर वे लीग में भाग लेना चाहें तो मैं अध्यक्ष से कहूंगा कि उन्हें मौका दें। हमें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, नकारात्मक नहीं।' संजय सिंह ने भी कहा कि विरोध करने वाले पहलवान भाग ले सकते हैं, लेकिन वर्तमान में बजरंग पुनिया डोपिंग बैन के कारण अयोग्य हैं, विनेश फोगाट राजनीति में हैं और अमन सहरावत पर अनुशासनहीनता के लिए एक साल का प्रतिबंध है।

बृज भूषण परिवार का असर

कार्यक्रम में बृज भूषण के बेटे करण भूषण सिंह भी 'सम्मानित अतिथि' के रूप में मौजूद थे। करण उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं और 2024 के लोकसभा चुनाव में कैसरगंज से भाजपा टिकट पर सफल रहे। यह पारिवारिक सीट थी, जहां बृज भूषण के खिलाफ आरोपों के बावजूद करण को टिकट मिला। मंच पर न होने के बावजूद करण बाद में अपने पिता के साथ हॉल से बाहर जाते दिखे।

महिला पहलवानों का क्या?

2023 के आरोपों के बाद डब्ल्यूएफआई पर भरोसा खो चुकीं विनेश, साक्षी जैसी एथलीट अब क्या करेंगी? विश्लेषकों का मानना है कि बृज भूषण की यह वापसी कुश्ती प्रशासन में पुरानी सत्ता संरचनाओं को मज़बूत करती है। खेल मंत्रालय की ओर से अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

बृज भूषण पर गंभीर आरोप हैं, लेकिन वे अभी भी कुश्ती में ताकतवर हैं। लीग फिर शुरू होना अच्छी बात है, पर उनके सम्मान ने सवाल खड़े कर दिए हैं– न्याय कहां है?