कलकत्ता हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस चित्त रंजन दाश ने सोमवार को कहा कि उनके व्यक्तित्व को निखारने, साहस और देशभक्ति पैदा करने का श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जाता है। जज ने कहा कि वह तो बचपन से ही आरएसएस से जुड़ गए थे। जज साहब ने फरमायाः 

आज, मुझे सच्चाई बतानी चाहिए। मुझ पर इस संगठन का बहुत एहसान है। मैं बचपन से लेकर जवानी तक वहां रहा। मैंने साहसी, ईमानदार होना, दूसरों के लिए समान नजरिया रखना और सबसे ऊपर, सीखा है- आप जहां भी काम करते हैं वहां देशभक्ति की भावना और काम के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए। मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं।"