गलवान घाटी में हुई भारत-चीन सेनाओं की झड़प के बाद से ही तनाव बना हुआ है। दोनों
देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी बंद है। इस मसले को सुलझाने के लिए भारत और चीन
की सेनाएं ही आपस में बातचीत कर रही हैं। इस बातचीत के बीच दोनों ही देश सीमा पर
सेना की संख्या और गतिविधियों को लगातार बढ़ा रहे हैँ।
सोमवार को जारी हुई अमेरिकी
खुफिया विभाग की वार्षिक आकलन रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि 2020 के गलवान संघर्ष के बाद तनावपूर्ण संबंधों और
कश्मीर में पाक समर्थित चरमपंथी समूहों द्वारा भारत में आतंकी हमले की स्थिति में भारत
और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा सकती है। पाकिस्तान की तरफ से अगर इस तरह की कोई
गतिविधि होती है तो भारत जवाबी कार्रवाई कर सकता है।
अमेरीकी खुफियी एजेंसियों
की यह रिपोर्ट रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर, अवर्गीकृत रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और पाकिस्तान के
साथ भारत के संभावित संघर्ष के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अमेरिका को तत्काल इस पर
ध्यान देना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है
कि चीन के पास पहले से बने नियमों के आधार पर चल रही वैश्विक व्यवस्था को बदलने की
क्षमता है। और वह वैश्विक नियमों को बदलने के लिए
पहले से ही लगातार प्रयास कर रहा है। चीन के इन प्रयासों से उसके पड़ोसियों को संभावित
खतरा पैदा कर रहा है।
सीमा विवाद के बाद भारत
और चीन दोनों ही सीमाओं पर सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहे हैं। इस पर रिपोर्ट में कहा
गया है कि परमाणु शक्तियों के बीच सैन्य टकराव से अमेरिकी व्यक्तियों और उसके हितों
के लिए सीधा खतरा हो सकता है, इस पर अमेरिकी को
हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है,
''पिछले गतिरोधों से पता चलता है कि वास्तविक
नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर टकराव तेजी से बढ़ने की क्षमता है। छह फरवरी को जारी
खुफिया रिपोर्ट में भारत-पाकिस्तान के बीच संभावित संघर्ष को विशेष चिंता के साथ
रेखांकित किया गया है
चरमपंथी समूहों का समर्थन
करने के पाकिस्तान के लंबे इतिहास के साथ, रिपोर्ट में इस बात की संभावना को स्वीकार किया गया है कि भारत " कथित या
वास्तविक पाकिस्तानी उकसावों के लिए भारत पूरी सैन्य क्षमता के साथ जवाब देगा।
तनाव बढ़ने की के लिए दोनों
ही पक्षों की अपनी धारणाएं हैं, और यही संघर्ष का खतरा बढ़ाती हैं। इसमें कश्मीर में किसी भी प्रकार की अशांति या भारत
में आतंकवादी हमला इस संघर्ष की शुरुआत बन सकते हैं।
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