नागरिकता संशोधन विधेयक यदि संसद से पारित हो भी जाता है तो उसका विरोध बंद नहीं होगा, उसके ख़िलाफ़ लंबे और तेज़ संघर्ष की तैयारियाँ ज़ोरों से चल रही हैं। संसद से पारित होने की स्थिति में उसे अदालत में चुनौती दी जाएगी। ऑल असम स्टूडेंड्स यूनियन (आसू) की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक बीते दिनों इसी मुद्दे पर हुई कि इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती कैसे दी जाएगी। इसके बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल का पुतला भी फ़ूंका गया। यह दिलचस्प लेकिन विडंबनापूर्ण स्थिति इसलिए है कि किसी समय सोनोवाल इसी आसू के अध्यक्ष थे।
नागरिकता बिल: संसद में पारित हो गया तो अदालत में चुनौती देने की तैयारी
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- 8 Dec, 2019
नागरिकता संशोधन विधेयक यदि संसद से पारित हो भी जाता है तो उसका विरोध बंद नहीं होगा, उसके ख़िलाफ़ लंबे और तेज़ संघर्ष की तैयारियाँ ज़ोरों से चल रही हैं।
