देश में कोरोना वैक्सीन के आने से पहले ही मुसलिम समाज में इसके हलाल या हराम होने को लेकर बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में इसलामी दुनिया में अपनी ख़ास जगह और साख़ रखने वाले दारुल उलूम देवबंद ने इस मामले पर फ़तवे से पल्ला झाड़ लिया है। दारुल उलूम देवबंद ने रविवार को बाक़ायदा बयान जारी करके कहा कि उसने कोरोना वैक्सीन पर कोई फ़तवा जारी नहीं किया है।

पोर्क जिलेटिन का इस्तेमाल 

दरअसल, पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर एक फ़तवा वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा था कि दारुल उलूम देवबंद ने कोरोना वैक्सीन को हराम क़रार दिया है क्योंकि इसमें पोर्क जिलेटिन का इस्तेमाल किया गया है। लिहाज़ा मुसलमान इस वैक्सीन को न लगवाएं। इससे उन मुसलिम संगठनों की मुहिम को बल मिल रहा था जो कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन इस्तेमाल होने का दावा करते हुए इसे हराम क़रार देकर मुसलमानों से इस वैक्सीन से दूर रहने को कह रहे हैं। लिहाज़ा दारुल उलूम देवबंद को बयान जारी करके अपनी स्थिति साफ़ करनी पड़ी।