बीते 20 साल में देश भर में पुलिस हिरासत में 1,888 मौतें हुई हैं, पुलिस वालों के ख़िलाफ़ 893 मुक़दमे दर्ज हुए और 358 पुलिस वालों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की गई। लेकिन हैरानी की बात है कि सिर्फ़ 26 पुलिस वाले ही दोषी ठहराए जा सके। यह बात नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2001-2020 तक के आंकड़ों से सामने आई है।
20 साल में पुलिस हिरासत में 1,888 मौतें, सिर्फ़ 26 पुलिस कर्मी दोषी
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- 16 Nov, 2021
कासगंज के अल्ताफ़ की मौत के बाद पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है।

भारत में पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को लेकर लंबी बहस होती रही है और बीते दिनों उत्तर प्रदेश के कासगंज में हुई अल्ताफ़ की मौत के बाद यह फिर से लोगों की जुबान पर आई है। इस मामले में पुलिस का तर्क भी लोगों के गले नहीं उतर रहा है।
पुलिस का कहना था कि अल्ताफ़ ने अपनी जैकेट के हुड में लगी रस्सी को पुलिस थाने के टॉयलेट में लगे नल से बांधकर आत्महत्या कर ली। आम और खास लोगों का सवाल था कि तकरीबन साढ़े पांच फ़ीट लंबा अल्ताफ़ ढाई फ़ुट की ऊंचाई वाले नल से कैसे आत्महत्या कर सकता है। साथ ही आगरा के अरुण वाल्मीकि की मौत भी पुलिस हिरासत में हुई थी।