फैबइंडिया विज्ञापन विवाद के बाद अब डाबर ने भी विरोध के बाद अपना विज्ञापन वापस ले लिया है। विरोध सोशल मीडिया पर हुआ और बीजेपी के एक मंत्री ने भी आपत्ति जताई। उन्होंने तो क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे दी थी। पिछले साल से अब तक कई ऐसे विज्ञापन वापस लेने पड़े हैं जिस पर दक्षिणपंथियों ने आपत्ति जताई और उन ब्रांडों के बहिष्कार का अभियान चलाया। तो क्या अब विज्ञापन भी कंपनियाँ अपनी मर्जी से नहीं बना सकतीं?
बीजेपी मंत्री की चेतावनी के बाद डाबर ने हटाया करवा चौथ का विज्ञापन?
- देश
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- 26 Oct, 2021
क्या कंपनियाँ अब विज्ञापन भी अपनी मनमर्जी से नहीं बना सकतीं? आख़िर डाबर के करवा चौथ वाले विज्ञापन पर क्या आपत्ति थी कि उसे हटाना पड़ा?

यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि एक के बाद एक विज्ञापन पर आपत्ति किए जाने और फिर इन्हें हटाए जाने के मामले भी आ रहे हैं। सबसे ताज़ा मामला डाबर इंडिया का है। इसने ट्वीट किया है कि, 'फेम का करवाचौथ अभियान सभी सोशल मीडिया हैंडल से वापस ले लिया गया है और हम अनजाने में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुँचाने के लिए बिना शर्त माफ़ी मांगते हैं।'