फैबइंडिया विज्ञापन विवाद के बाद अब डाबर ने भी विरोध के बाद अपना विज्ञापन वापस ले लिया है। विरोध सोशल मीडिया पर हुआ और बीजेपी के एक मंत्री ने भी आपत्ति जताई। उन्होंने तो क़ानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे दी थी। पिछले साल से अब तक कई ऐसे विज्ञापन वापस लेने पड़े हैं जिस पर दक्षिणपंथियों ने आपत्ति जताई और उन ब्रांडों के बहिष्कार का अभियान चलाया। तो क्या अब विज्ञापन भी कंपनियाँ अपनी मर्जी से नहीं बना सकतीं?