सफ़ाई कर्मी गंदगी में डूब जाते हैं। नीचे उतरते ही साँसें अटक जाती हैं। और कई बार तो जान ही चली जाती है। सीवर लाइन की सफ़ाई करते हुए सफ़ाई कर्मियों की मौत की ख़बरें लगातार आती रही हैं। आरोप लगता है कि ऐसी मौतों की गिनती तक के लिए अभी तक कोई ठोस काम नहीं हुआ है। हालाँकि, जब तब कुछ आँकड़े ज़रूर बताए जाते हैं। और मौत के जो मामले सामने आते हैं और दोषियों को सजा दिलाने की बारी आती है तो मामला और भी नगण्य हो जाता है। यानी मौत के मुँह में धकेलने वालों को सजा न के बराबर हो पाती है। यानी मृतक व उसके परिजनों को न्याय मिलने की बात दूर की कौड़ी साबित होती है।