क्या एमसीडी के टोल बूथ प्रदूषण बढ़ा रहे हैं? दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान एमसीडी टोल बूथ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानी एनएचएआई के उस बयान पर गौर किया जिसमें कहा गया कि दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी के टोल बूथों के कारण राजमार्गों पर लंबी कतारें लग रही हैं। इससे घंटों ट्रैफिक जाम लग रहा है और वाहनों से निकलने वाला धुआँ प्रदूषण बढ़ा रहा है। कोर्ट ने एमसीडी को एक सप्ताह के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया कि क्या उसके नौ टोल प्लाजा को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है ताकि ट्रैफिक जाम नहीं लगे और गाड़ियों से धुआँ कम निकले।
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने एनएचएआई को भी निर्देश दिया कि वह नौ टोल प्लाजा को राजधानी की सीमाओं से हटाकर ऐसी जगहों पर शिफ्ट करने की संभावना जांचे जहां एनएचएआई उन्हें चला सके। कोर्ट ने सुझाव दिया कि नए स्थान पर शिफ्ट किए गए टोल प्लाजा से जुटाए गए टोल का कुछ हिस्सा एमसीडी को दिया जा सकता है ताकि अस्थायी नुक़सान की भरपाई हो।
मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने एनएचएआई को भी निर्देश दिया कि वह नौ टोल प्लाजा को राजधानी की सीमाओं से हटाकर ऐसी जगहों पर शिफ्ट करने की संभावना जांचे जहां एनएचएआई उन्हें चला सके। कोर्ट ने सुझाव दिया कि नए स्थान पर शिफ्ट किए गए टोल प्लाजा से जुटाए गए टोल का कुछ हिस्सा एमसीडी को दिया जा सकता है ताकि अस्थायी नुक़सान की भरपाई हो।




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