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विनोद दुआ पर एफ़आईआर, बोलने की आज़ादी पर हमला: एडिटर्स गिल्ड

वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया ने आपत्ति दर्ज कराई है और कहा है कि उनपर लगाए गए ऐसे आरोप उनके बोलने की आज़ादी के संवैधानिक अधिकार पर हमला है। इसके साथ ही इसने विभिन्न राज्यों में असंगत आरोपों के आधार पर पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की पुलिस में बढ़ती प्रवृत्ति पर चिंता जताई है। एडिटर्स गिल्ड ने सोमवार को इस मामले में बयान जारी किया है। 

बयान में कहा गया है कि अनुभवी पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ दर्ज कराई गई एफ़आईआर ऐसे ही असंगत आरोप का ताज़ा नमूना है। बयान में यह भी साफ़ तौर पर कहा गया है कि वह रिपोर्ट नवीन कुमार की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है, जिसकी पहचान भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता के रूप में की गई है।

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बयान में कहा गया है, ' उन पर लगाए गए आरोप बोलने की उनकी आज़ादी और निष्पक्ष टिप्पणी के उनके अधिकार पर एक खुला हमला है। इस पर आधारित एफ़आईआर उत्पीड़न का एक साधन है और यह ऐसी प्रक्रिया को शुरू करता है जो ख़ुद एक सज़ा है।'

गिल्ड ने कहा है कि वह इस प्रथा की निंदा करता है और पुलिस से आग्रह करता है कि संवैधानिक रूप से दी गई आज़ादी की गारंटी का सम्मान करे न कि ऐसा व्यवहार करे जिससे उसकी स्वतंत्रता पर सवाल उठें।

बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के ख़िलाफ़ पुलिस में ए़फ़आईआर इसलिये दर्ज कराई गयी है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की है। दुआ ने कहा था कि 'प्रधानमंत्री दंतविहीन व्यक्ति हैं, जिनमें देश की समस्याओं से निपटने की क्षमता नहीं है।'

विनोद दुआ पर 'सार्वजनिक रूप से गड़बड़ी फैलाने' का आरोप लगाते हुए उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। एफ़आईआर में कहा गया है कि दुआ ने 'ग़लत मंशा से झूठी ख़बर फैला कर देश में शांति भंग करने की कोशिश की है।' इस आधार पर ही दुआ के ख़िलाफ़ धाना 290 (गड़बड़ी फैलाने), 505 (सार्वजनिक गड़बड़ के लिए बयान देने) और 505 (2) (लोगों में डर फैलाने) का मामला दर्ज कर दिया गया है।

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बता दें कि उसी दौरान मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार-स्तंभकार आकार पटेल के ख़िलाफ़ मामला दर्ज सिर्फ इसलिए किया गया है कि उन्होंने अमेरिका में चल रहे विरोध प्रदर्शन की तरह ही भारत में भी प्रदर्शन करने की बात की। 

हाल में उत्तर प्रदेश से भी ख़बरें आई हैं कि सरकारी बदइंतज़ामी की ख़बर की रिपोर्टिंग करने पर उत्तर प्रदेश में भी कई रिपोर्टरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। फतेहपुर ज़िले में लॉकडाउन के दौरान ग़रीबों के लिए चलाई जाने वाली कम्युनिटी किचन बंद होने की ख़बर ट्विटर पर चलाने वाले पत्रकार अजय भदौरिया व अन्य के ख़िलाफ़ ज़िला प्रशासन ने महामारी अधिनियम सहित भारतीय दंड संहिता की धाराओं में केस दर्ज किया है। इसके विरोध में पत्रकारों ने जल सत्याग्रह भी किया है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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