यूरोपीय संघ (ईयू) ने शुक्रवार को रूस के तेल निर्यात पर नए प्रतिबंधों की घोषणा की। इससे गुजरात के वडिनार में नायरा एनर्जी की रिफाइनरी भारत में पहली बार पश्चिमी प्रतिबंधों (Western Sancation) के दायरे में आई है। इन प्रतिबंधों का मकसद रूस के युद्ध प्रयासों के लिए धन की आपूर्ति को रोकना है। यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने कहा, "पहली बार, हम एक फ्लैग रजिस्ट्री और भारत में रोसनेफ्ट की सबसे बड़ी रिफाइनरी को टारगेट कर रहे हैं।"
रूस के खिलाफ मोर्चेबंदीः यूरोपीय संघ के प्रतिबंध का सीधा असर गुजरात रिफाइनरी पर, भारत की आपत्ति
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- 19 Jul, 2025
EU Curbs on Russia, Impact on India: यूरोपियन यूनियन का भारत पर प्रतिबंध का पहला असर गुजरात की एनर्जी रिफाइनरी पर पड़ा है। रूस के खिलाफ चल रही मोर्चेबंदी का भारत कैसे सामना करेगा, यह वक्त बताएगा लेकिन फिलहाल उसने विरोध तो जता ही दिया है।

भारत-रूस संबंध हमेशा बेहतर रहे हैं। कारोबार को लेकर दोनों निकट भी है। अमेरिका ने जब ईरान पर आर्थिक पाबंदियां लगाईं तो भारत ने रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया। भारत के तेल की कमी को रूस काफी हद तक पूरा कर रहा था। लेकिन इसके बाद अमेरिका ने दबाव बनाया और भारत अब अमेरिकी तेल कंपनियों के जरिए भी तेल खरीद रहा है। सिर्फ यूरोपियन यूनियन ही नहीं, बल्कि अमेरिका भी अब रूस के खिलाफ आर्थिक मोर्चेबंदी में जुटा हुआ है। रूस के साथ अब चीन, उत्तर कोरिया और ईरान खुलकर हैं। लेकिन यह ईयू और नाटो देशों की रूस की घेराबंदी के अलावा और कुछ नहीं है।