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पेट्रोल की बढ़ी क़ीमतों के ख़िलाफ़ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन।

भारत से ख़रीदकर भी सस्ता पेट्रोल दे रहा नेपाल, तस्करी कर रहे लोग

देश में पेट्रोल की क़ीमतों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। कई शहरों में पेट्रोल की क़ीमतें 100 रुपये प्रति लीटर पार होने की ख़बर से ज़्यादा घमासान इस बात पर मचा है कि पड़ोसी देश नेपाल हमसे ही तेल ख़रीदता है और इसके बाद भी वह हमारे मुक़ाबले 22 रुपये सस्ता पेट्रोल दे रहा है। 

हालात ये हो गए हैं बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नेपाल से लगने वाले इलाक़ों में रहने वाले लोग नेपाल से तेल की तस्करी कर रहे हैं। कुछ लोगों को इसके चलते गिरफ़्तार भी किया जा चुका है। 

उत्तर प्रदेश में बहराइच, बिहार के रक्सौल और सीतामढ़ी तथा उत्तराखंड के बनबसा बॉर्डर से ऐसे कई लोग कैमरे की नज़र में आए हैं जो साइकिलों, मोटरसाइकिलों के जरिये नेपाल से पेट्रोल लेकर आ रहे हैं। कारण पूछने पर वे बताते हैं कि भारत में तेल भराने में दम निकल गया है, थोड़ी मेहनत करके नेपाल जाते हैं और वहीं से ले आते हैं। लेकिन कुछ लोगों ने इसकी तस्करी शुरू कर दी है। बिहार के अररिया और किशनगंज जिलों से भी लगती नेपाल सीमा पर लोग गैलन में पेट्रोल लाते देखे जा सकते हैं। 

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हालांकि दोनों देशों की सीमा पर पुलिस तैनात रहती है लेकिन बावजूद इसके यह काम जारी है। इससे सबसे बड़ा नुक़सान इन इलाक़ों में पेट्रोल पंप मालिकों को हो रहा है क्योंकि कोई क्यों 22 रुपये महंगा पेट्रोल उनसे ख़रीदेगा जब वो नेपाल जाकर एक बार में बाइक या कार की टंकी फुल कराकर ला सकता है। 

लोग कह रहे हैं कि पहले जहां उनका 50 रुपये का तेल दिन में लगता था, अब वहां 100 का लग रहा है, सीधा-सीधा 1500 रुपये का ख़र्च उनकी जेब पर पड़ रहा है। लोग सवाल पूछते हैं कि आख़िर नेपाल हमसे इतना सस्ता तेल कैसे दे रहा है। 

भारत-नेपाल पेट्रोलियम पाइपलाइन 

यहां बताना ज़रूरी होगा कि भारत ने नेपाल की सहूलियत के लिए ही 69 किमी. लंबी भारत-नेपाल पेट्रोलियम पाइपलाइन बनाई है। इससे पहले नेपाल को पेट्रोल सड़क मार्ग से टैंकरों के जरिये भेजा जाता था, जिसमें लंबा वक़्त लगता था और खर्च भी ज़्यादा आता था। इस पाइपलाइन से साल में क़रीब 20 लाख लीटर टन पेट्रोल की सप्लाई नेपाल को की जाती है। 

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सरकार का तर्क 

पेट्रोल की क़ीमतों को लेकर मचे शोर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत ने 2019-20 में 85 फ़ीसदी से ज़्यादा तेल और 53 फ़ीसदी गैस का आयात किया। उन्होंने सवाल पूछा है कि क्या हमें आयात पर इस हद तक निर्भर होना चाहिए। लेकिन यह जनता की परेशानियों का जवाब नहीं है। 

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पड़ोसी देशों में सस्ता 

लोगों का कहना है कि पड़ोसी देशों- बांग्लादेश में पेट्रोल 76, नेपाल में 68, श्रीलंका में 60, पाकिस्तान में 51 और भूटान में पेट्रोल की क़ीमत 49 रुपये प्रति लीटर के आसपास है जबकि भारत में यह 100 के पार पहुंच गया है। 

पेट्रोल से की कमाई

कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार ने साढ़े छह साल में पेट्रोल-डीजल पर बीस लाख करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। पार्टी ने कहा है कि 29.34 रुपये प्रति लीटर बेस प्राइस वाले पेट्रोल के लिए लोग 90 रुपये और 30.55 रुपये बेस प्राइस वाले डीज़ल के लिए 80 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा चुका रहे हैं। 

पेट्रोल के बेस प्राइस के बाद इसमें केंद्र की एक्साइज ड्यूटी, डीलर का कमीशन, राज्य सरकारों का वैट और कुछ और खर्च जुड़ते हैं, जिससे इसकी क़ीमत बढ़ जाती है। केंद्र एक्साइज ड्यूटी को और राज्य सरकारें वैट और अन्य टैक्सों को घटाकर लोगों को राहत दे सकती हैं।

सस्ता हुआ क्रूड ऑयल 

फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक़, मोदी सरकार के बीते साढ़े छह साल के कार्यकाल के दौरान क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतें करीब 40 फीसदी घट गई हैं। जनवरी 2020 में 1 लीटर कच्चा तेल 28.84 रुपये प्रति लीटर था, तब दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल 77.79 रुपये था जबकि जनवरी 2021 में 1 लीटर कच्चा तेल 25.20 रुपये था तो 1 लीटर पेट्रोल 87 रुपये से ज़्यादा हो गया। 

इसलिए सवाल तो यह है कि सरकार बताए कि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम कम होने के बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल की क़ीमतें कम क्यों नहीं हुईं जबकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की क़ीमत बढ़ते ही हमारे वहां ईंधन के दाम बढ़ जाते हैं।

बड़ी राहत दे सरकार

ऐसे हालात में नेपाल से पेट्रोल की तस्करी तो बढ़ेगी ही क्योंकि नहीं लगता कि पेट्रोल की क़ीमतें जल्दी क़ाबू में आएंगी। अगर सरकार दो-तीन रुपये कम भी कर दे तो कोई राहत नहीं मिलने वाली क्योंकि राजस्थान के श्रीगंगानगर और मध्य प्रदेश के अनूपपुर में यह 100 के पार और महाराष्ट्र के परभणी में यह 100 के क़रीब है। 

मुंबई में पेट्रोल 97 रुपये प्रति लीटर से ज़्यादा और दिल्ली में 91 रुपये पहुंचने वाला है। ऐसे में सरकार को बड़ी राहत देनी होगी क्योंकि सिर्फ पेट्रोल ही नहीं डीजल और रसोई गैस के महंगे सिलेंडर ने भी लोगों को जीना दूभर कर दिया है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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