loader

गाजियाबाद के छात्र की कनाडा में हत्या, वजह का पता नहीं

गाजियाबाद के एक युवक की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वो वहां पढ़ाई और नौकरी साथ-साथ कर रहा था। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस घटना पर दुख जताया है। हालांकि परिवार का आरोप है कि घटना के 48 घंटे बीतने के बावजूद भारत सरकार या कनाडा सरकार ने उनसे किसी तरह का कोई संपर्क नहीं साधा है और न कोई मदद की है।कनाडा की मीडिया के मुताबिक गुरुवार को कार्तिक वासुदेव (21) जब टोरंटो में अपने पार्टटाइम जॉब के लिए जा रहे थे, उसी समय उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की खबर एक फोटो के साथ वहां की ऑनलाइन साइट और अखबारों में छपी। तब तक कार्तिक की पहचान नहीं हो पाई थी। लेकिन कार्तिक के एक रिश्तेदार जो ऑनलाइन साइट को देख रहे थे, तभी उनकी नजर उस बैग और शूज पर पड़ी जो कार्तिक के शव के साथ पड़े पाए गए थे। उन्होंने फौरन पहचान लिया कि ये तो कार्तिक है। उसी रिश्तेदार ने कार्तिक के परिवार को गाजियाबाद में सूचना दी।
ताजा ख़बरें
कनाडा की मीडिया ने बताया कि कार्तिक जैसे ही शेरबोर्न मेट्रो स्टेशन से बाहर निकले, उन पर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसमें उनकी मौत हो गई। परिवार ने गुरुवार की घटना की पुष्टि शुक्रवार को की। लेकिन इस हत्या की वजह कोई नहीं जानता। कार्तिक के पिता जितेश वासुदेव ने बताया कि हमने आखिरी बार गुरुवार को ही कार्तिक से बात की थी और उसने हमें बताया था कि वह जॉब पर जा रहा है। कार्तिक कनाडा में पढ़ाई करने के साथ-साथ एक मैक्सिकन रेस्तरां में पार्ट टाइम जॉब करता था।
गुरुवार को जब कई घंटे तक उसका फोन स्विच ऑफ जाता रहा तो उसका चचेरा भाई, जिसके साथ वह रहता था, चिंतित हो गया और उसने पुलिस को सूचित किया। तभी खबर आई कि एक शूटआउट हुआ है और तब उसे एहसास हुआ कि कार्तिक अब नहीं रहा।

कार्तिक टोरंटो के सेनेका यूनिवर्सिटी से ग्लोबल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहा था और अपने पहले वर्ष में था। वह जनवरी में कनाडा चला गया था और अपने चचेरे भाई के साथ अपार्टमेंट में रह रहा था। यूनिवर्सिटी में एडमिशन होने के कुछ समय बाद, कार्तिक को डाउनटाउन इलाके के रेस्तरां में नौकरी मिल गई थी। कार्तिक वहां पहुंचने के लिए हर दिन मेट्रो और बस से उसी रास्ते से जाता था।
जितेश वासुदेव ने बताया कि कार्तिक के चचेरे भाई ने पुलिस को सूचित किया कि कार्तिक लापता है। कार्तिक जिस रेस्तरां में काम करता था, उसके मालिक ने भी उसे फोन किया और कहा कि वह काम पर नहीं आया है। दोनों अभी चर्चा कर ही रहे थे जब उन्हें शूटआउट के बारे में पता चला और फिर उसने तस्वीरों से कार्तिक को पहचान लिया। कार्तिक के पिता जितेश एचसीएल में काम करते हैं। पिता के मुताबिक कार्तिक ने अपनी स्कूली शिक्षा डीएवी, गाजियाबाद से पूरी की। जब वो दसवीं में था तो उसने तय किया था कि वह कनाडा में पढ़ेगा।
देश से और खबरें
 कार्तिक का परिवार तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है कि आखिर इतने मिलनसार और सभी से तमीज से बात करने वाले लड़के को क्यों गोली मारी गई होगी। जितेश ने कहा कि उसने कभी तेज आवाज में बात नहीं की। हम नहीं जानते कि क्या हुआ होगा। हमें बताया गया है कि वह अकेला था। मेरा लड़का अभी तीन महीने पहले ही अपने सपनों को पूरा करने गया था। हम इस घटना का विश्लेषण करने में असमर्थ हैं … मुझे नहीं पता कि कौन उसके साथ ऐसा करेगा। कार्तिक के परिवार में उसके माता-पिता और उसका छोटा भाई है। भारतीय दूतावास ने परिवार को बताया है कि कार्तिक का कम से कम 6 दिनों में भारत पहुंचेगा।'सरकार से मदद नहीं'
कार्तिक के परिवार ने आरोप लगाया है कि  घटना के 48 घंटे बाद भी कनाडा या भारत सरकार द्वारा कोई सहायता प्रदान नहीं की गई। परिवार ने एक फास्ट-ट्रैक वीजा प्रक्रिया की भी मांग की ताकि वे कनाडा की यात्रा कर सकें क्योंकि उन्हें संदेह है कि अधिकारी मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कार्तिक वासुदेव के पिता ने आरोप लगाया कि उन्होंने घटना की पुष्टि करने वाले जयशंकर के ट्वीट का जवाब दिया था, लेकिन भारत सरकार की ओर से उनसे कोई संपर्क नहीं साधा गया।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें