सरकार जल्द ही एयर इंडिया की तीन पूर्व सहायक कंपनियों और मुंबई में मशहूर एयर इंडिया बिल्डिंग सहित रियल एस्टेट को बेचने की प्रक्रिया शुरू करेगी। एयर इंडिया को वो पहले ही टाटा को बेच चुकी है।


एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि योजना अगले डेढ़ साल में प्रक्रिया को पूरा करने की है, जिसमें से कुछ अगले महीने की शुरुआत में पूरी होने की संभावना है। सरकार को इस बिक्री से लगभग 16,000 करोड़ आमदनी की उम्मीद है।

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उस अधिकारी ने कहा, हम इंजीनियरिंग और ग्राउंड हैंडलिंग सहायक कंपनियों की बिक्री एकसाथ शुरू करेंगे और यह जल्द ही हो जाएगी। एलायंस एयर को उसके बाद बेचा जाएगा और उसकी सभी रियल एस्टेट संपत्तियां इसी दौरान बेची जाएंगी।



सरकार ने एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग कंपनी एयर इंडिया सिंगापुर एयरपोर्ट टर्मिनल सर्विसेज में 50% हिस्सेदारी के साथ एयर इंडिया को टाटा समूह को बेच दिया। इन्हें जनवरी के अंत में नए मालिकों को सौंप दिया गया था।

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एयर इंडिया की अन्य संपत्तियों में एआई इंजीनियरिंग सर्विसेज, ग्राउंड-हैंडलिंग यूनिट एआई एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज और घरेलू एयरलाइंस एलायंस एयर, मुंबई के नरीमन पॉइंट में मशहूर एयर इंडिया बिल्डिंग सहित रियल एस्टेट की संपत्तियां शामिल हैं। इन्हें एआई एसेट कहा जाता है। ये सारी कंपनियां एआईएएचएल के तहत आती हैं।

अर्नेस्ट एंड यंग (ईवाई) इन संपत्तियों की बिक्री के लिए सलाहकार बनाई गई है।