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ज़रूरी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर

दही, लस्सी, पनीर, चावल जैसी जरूरत की कई चीजों पर जीएसटी लगाने और कई चीजों पर जीएसटी बढ़ने के बाद विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि यह बीजेपी का मास्टर क्लास है कि दुनिया की सबसे तेज तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को किस तरह बर्बाद कर दिया जाए।

राहुल गांधी के ट्वीट में वह चार्ट भी है, जिसमें जीएसटी की दर किन वस्तुओं पर बढ़ी है, उसके बारे में बताया गया है। बता दें कि राहुल गांधी जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहते रहे हैं।

‘गई सारी तनख्वाह’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि जीएसटी की जो मार आम जनता पर पड़ी है उस से दुखी होकर जीएसटी का एक नया मतलब सामने आया है- गई सारी तनख्वाह।

मंडियां बंद हो रही: गहलोत 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि रविवार को देशभर के अंदर मंडियां बंद रही हैं और मंडी बंद करने की नौबत आना बेहद खराब है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार में जीएसटी का जो फ़ॉर्मूला लाया गया था उसमें सिर्फ एक ही टैक्स लगना था लेकिन मोदी सरकार इसमें कई बदलाव कर चुकी है। गहलोत ने कहा कि जनता पर पहले से ही महंगाई की मार काफी ज्यादा है। ऐसे में खाने-पीने की जरूरी चीजों पर जीएसटी लगाया जाना गलत है और सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। 

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व्यापारी बोले- महंगाई और बढ़ेगी

खाने-पीने की कई चीजों पर 5 फीसद जीएसटी लगने पर देश भर में व्यापारी विरोध कर रहे हैं। देशभर की कई कृषि मंडियों, दाल मिलों, चावल मिलों, आटा मिलों और छोटी चक्कियों को चलाने वालों के द्वारा इसका विरोध किया गया है। भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की ओर से कहा गया है कि अगर केंद्र सरकार जीएसटी की दरों को वापस नहीं लेती तो आंदोलन किया जाएगा। व्यापारियों का कहना है कि सरकार के इस कदम से महंगाई और बढ़ेगी। व्यापारियों ने कहा है कि अनाज और दहलन को जीएसटी की श्रेणी से बाहर रखा गया था। राजस्थान के नीमच में और उत्तर प्रदेश के रामपुर में भी मंडी व्यापार और गल्ला व्यापारियों ने खाने-पीने की चीजों पर जीएसटी लगाए जाने का विरोध किया है। व्यापारियों ने कहा है कि सरकार मध्यम और छोटे व्यापारियों को खत्म करना चाहती है लेकिन ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।

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आढ़तियों ने किया विरोध 

खाद्य पदार्थों पर 5% जीएसटी लगाए जाने का आढ़तियों की ओर से भी विरोध शुरू हो गया है। करनाल के इंद्री में आढ़तियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। आढ़तियों ने कहा है कि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के कारण छोटे व्यापारियों और किसानों को काफी नुकसान होगा। आढ़ती एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी लगने से किसान की फसल को व्यापारी कम कीमत पर खरीदेगा और पूरे बाजार पर इसका असर पड़ेगा।

केंद्र को पत्र लिखेंगे: केरल

केरल की सरकार ने आटा, पनीर, दही जैसे जरूरी उत्पादों पर जीएसटी लगाए जाने का जोरदार विरोध किया है। राज्य के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्य सरकार ने कहा था कि आम आदमी की जरूरत की चीजों पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनकी मांग को अनसुना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र को पत्र लिखेगी।

ये चीजें हुई महंगी

  • चेक जारी करने के लिए बैंकों द्वारा लिए गए शुल्क पर 18% जीएसटी लगेगा। 
  • एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है क्योंकि जीएसटी परिषद ने इन पर 12 फीसद से बढ़ाकर 18 फीसद जीएसटी लगाने की सिफारिश की थी। 
  • अस्पतालों में रोज 5000 रुपये से अधिक के किराए वाले कमरों के लिए(आईसीयू को छोड़कर) मरीजों को पांच फीसद जीएसटी देना होगा। 
  • 1000 रुपये से कम वाले होटल के कमरों पर 12 फीसद जीएसटी लगेगा।
  • मछली, शहद, सूखी फलीदार सब्जियां, सूखे मखाने, गेहूं और अन्य अनाज, गेहूं या मेसलिन का आटा, गुड़ पर 5% जीएसटी लगाया जाएगा। 
  • सभी प्रकार के आम सहित आम के गूदे (कटे, सूखे आमों को छोड़कर) पर अब 12% जीएसटी लगेगा। कच्चे या ताजे आमों पर छूट जारी रहेगी।
  • एटलस सहित मानचित्र और चार्ट पर 12 प्रतिशत का शुल्क लगेगा।
  • ई-कचरे पर जीएसटी पहले के 5 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है।

क्या हुआ सस्ता?

  • ओस्टोमी उपकरणों पर और रोपवे द्वारा माल और यात्रियों के परिवहन पर जीएसटी 12 फीसद से घटकर 5 फीसद हुआ। 
  • ट्रक से माल ढुलाई का किराया (जिसमें ईंधन की लागत भी शामिल है) पर अब 18 फीसदी की तुलना में 12 फीसद जीएसटी लगेगा।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों में जीएसटी दर में पांच फीसद की छूट मिलेगी। 
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क़मर वहीद नक़वी
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