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संसद में सुरक्षा चूक पर हंगामा, I.N.D.I.A के 15 नहीं, 14 सांसद ही निलंबित

संसद में सुरक्षा चूक पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान न देने के मुद्दे पर गुरुवार को हंगामा हुआ। लोकसभा के 13 सांसदों और राज्यसभा से एक टीएमसी सांसद को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले सरकार ने लोकसभा से 14 सांसदों को निलंबित कर दिया था, लेकिन बाद में सवाल उठाया गया कि निलंबित सांसदों में से एक डीएमके सांसद आज संसद में उपस्थित ही नहीं थे। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री ने देर शाम को सफाई में कहा कि एक सांसद का निलंबन वापस ले लिया गया है और इस तरह लोकसभा से 13 सांसद ही निलंबित किए गए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार न संसद के अंदर बोलने दे रही है और न बाहर। सरकार के विरोध में बोलने वालों पर कार्रवाई की जाती है। संसद में सुरक्षा चूक का दूसरा दिन है और गृहमंत्री अमित शाह का बयान तक नहीं आया है। हंगामे और निलंबन के बाद लोकसभा शुक्रवार 11 बजे तक स्थगित कर दी गई है।

राज्यसभा में गुरुवार को 28 नोटिस इस मुद्दे पर बहस के लिए दिए गए थे। इसी तरह लोकसभा में भी एक दर्जन से ज्यादा इंडिया के सांसदों ने नोटिस देकर इस पर चर्चा की मांग की थी। लेकिन वहां भी चर्चा नहीं होने पाई।


सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए लोकसभा ने गुरुवार को दिन में शेष सत्र के लिए 14 विपक्षी सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव पारित किया था। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पांच कांग्रेस सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव पेश किया था। हालांकि शुरुआत राज्यसभा से हुई थी, जब टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन को सुबह ही राज्यसभा शुरू होने के बाद निलंबित कर दिया गया था। लेकिन लोकसभा के 9 और सांसदों को बाद में निलंबित किया गया। निलंबित किए गए संसदों में मनिकम टैगोर, कनिमोझी, पीआर नटराजन, वीके श्रीकांतम, बेनी बहन, के सुब्रमण्यम, एसआर पार्थिबन, एस वेंकटेशन और मोहम्मद जावेद, टी एन प्रतापन, हिबी ईडन, जोथिमनी, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस कुरियाकुस शामिल हैं। अब एसआर पार्थिबन का निलंबन वापस ले लिया गया है क्योंकि वह आज संसद से अनुपस्थित रहे थे।

बता दें कि लोकसभा में स्पीकर ने हंगामे के दौरान पहले 5 सांसदों को और कुछ ही देर बाद नौ और सांसदों को निलंबित किया था। विपक्ष का कोई भी सांसद जैसे ही कुछ बोलता भाजपा के सांसद शोर मचाकर उसे चुप करा देते थे। इस पर विपक्ष की ओर से भी हंगामा होता था। हंगामे में तमाम बातें सुनाई नहीं दे रही थीं।
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राज्यसभा में टीएमसी सांसद ओ'ब्रायन ने बुधवार की घटना पर चर्चा की मांग की। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने बंगाल के सांसद का नाम पुकारा और उन्हें तुरंत सदन छोड़ने का निर्देश दिया। सभापति धनखड़ ने कहा- "डेरेक ओ'ब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए कहा जाता है... डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वो सभापति की अवहेलना करेंगे... डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वो नियमों का सम्मान नहीं करेंगे। यह एक गंभीर कदाचार है। यह शर्मनाक है घटना।'' धनखड़ ने ''अव्यवस्थित आचरण'' के लिए तृणमूल सांसद को बाहर करते हुए यह टिप्पणियां की।

चेतावनी के बावजूद, ओ'ब्रायन और अन्य विपक्षी सांसदों ने विरोध जारी रखा और मांग की कि बुधवार की घटना पर जवाब देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन में उपस्थित हों। इसके बाद राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया। दो बजे जब लोकसभा और राज्यसभा फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने सुरक्षा चूक का मुद्दा फिर उठाया। लेकिन दोनों सदनों में इसकी अनुमति नहीं मिली। भाजपा सांसदों ने विपक्षी सांसदों को बोलने से रोका। इस पर हंगामा हुआ। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ने इंडिया गठबंधन के 14 सांसदों को इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया। सभापति धनखड़ ने सांसदों को फिर से आश्वासन दिया कि सुरक्षा उल्लंघन की उच्च स्तरीय जांच शुरू कर दी गई है और पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

इससे पहले गुरुवार सुबह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद सुरक्षा चूक पर चर्चा करने के लिए वरिष्ठ मंत्रियों से बात की। घटना के समय प्रधानमंत्री संसद में नहीं थे। वो एमपी और छत्तीसगढ़ में दोनों सीएम के शपथग्रहण में गए थे। मोदी सरकार इस मुद्दे पर पसोपेश में है कि वो क्या बयान दे। गृहमंत्री अमित शाह से बयान की मांग हो रही है लेकिन वो गुरुवार को संसद में हंगामे के समय मौजूद नहीं थे। पहले भी कई मुद्दों पर संसद में जब हंगामा हुआ है तो पीएम और गृहमंत्री ने कोई बयान नहीं दिया है।
विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को यह मामला उठाते हुए संसद में यह मांग भी की कि भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की भी जांच की जाए, क्योंकि दो आरोपियों सागर शर्मा और डी. मनोरंजन को पास उन्होंने ही जारी किया था। विपक्ष इस मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपने की मांग भी कर रहा है।
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अभी तक की जानकारी

  • सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं। संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करने के लिए पिछले 18 महीनों में कई बार मिले। ये चारों ''भगत सिंह फैन क्लब'' नाम वाले फेसबुक पेज पर जुड़े थे।
  • चार आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी धारा लगाई गई है। पांचवे आरोपी विक्की शर्मा की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है। सभी आरोपी विक्की शर्मा के गुड़गांव आवास पर ठहरे थे।
  • छठा आरोपी ललित झा अभी तक फरार है। उसे ही इनका हैंडलर बताया जा रहा है। चारों आरोपियों ने अपने फोन ललित झा के पास जमा करा दिए थे। ललित झा ने संसद के बाहर की घटना का वीडियो बनाया था।
  • सभी आरोपी चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे। यह जानकारी पुलिस ने पूछताछ के बाद की है।
  • न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ा दिमाग था। लेकिन पुलिस अभी तक उस शख्स तक नहीं पहुंच सकी है और न ही उसके बारे में उसके पास कोई सुराग है।
  • संसद में सुरक्षा चूक पर बहस हो रही है। लेकिन कोई भी पार्टी इन युवकों के मुद्दों पर कुछ नहीं कह रहा है। भाजपा इन्हें कांग्रेस समर्थक बताकर राजनीति कर रही है तो कांग्रेस का कहना है कि इन्हें संसद प्रवेश का पास भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा ने दिया है।
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क़मर वहीद नक़वी
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