सरकार भले ही कहे कि कोरोना टीके की कोई कमी नहीं है, लेकिन 45 साल से कम के लोगों को इसकी ज़रूरत नहीं है और उन्हें नहीं दिया जाएगा, सच तो यह है कि कोरोना किसी उम्र के लोगों को नहीं बख़्श रहा है। दिल्ली के अस्पतालों में आठ महीने के बच्चों को भी तेज़ बुखार, न्यूमोनिया और कोरोना के दूसरे लक्षणों के साथ भर्ती कराया जा रहा है।