किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया। और यह सब हुआ राकेश टिकैत के भावुक होने के उस वीडियो के वायरल होने के बाद। टिकैत के उन आंसुओं को देखकर ग़ाज़ीपुर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से तो बड़ी तादाद में किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए ही, हरियाणा से भी सिंघु और टिकरी बॉर्डर की तरफ़ किसानों के आने का सिलसिला शुरू हो गया।
टिकैत के आँसुओं का डर? प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट बंद
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- 31 Jan, 2021
किसान नेता राकेश टिकैत के आँसुओं से क्या सरकार को डर लग गया? 26 जनवरी को किसान प्रदर्शन के दिन हिंसा के बाद बंद किए गए इंटरनेट को बहाल किया ही जा रहा था कि फिर से इंटरनेट को बंद कर दिया गया।

फ़ाइल फ़ोटो
शायद यही कारण है कि इंटरनेट पर पाबंदी दिल्ली के बाहरी इलाक़ों में उन जगहों पर लगाई गई है जिसमें सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर भी शामिल हैं। यह पाबंदी 31 जनवरी को रात 11 बजे तक लागू रहेगी। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेट पर प्रतिबंध को कथित तौर पर 'सार्वजनिक सुरक्षा बनाए रखने और आपातकालीन स्थिति से बचने के लिए' लगाया गया है।