दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ धरना शुरू हुए 44 दिन हो गये हैं। इस बीच वहाँ विरोध जताने के कई तौर-तरीक़े और रंग देखने को मिले हैं। यह धरना देश में देश के संविधान, लोकतांत्रिक व्यवस्था और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाने के नाम पर किया जा रहा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि आधुनिक भारत के निर्माता और देश में लोकतंत्र की नींव रखने वाले और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सबसे बड़े पैरोकार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तसवीर इस धरना स्थल से ग़ायब है।
लोकतंत्र के बड़े पैरोकार नेहरू की तसवीर शाहीन बाग़ में क्यों नहीं?
- देश
- |
- |
- 28 Jan, 2020

देश में लोकतंत्र की नींव रखने वाले और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सबसे बड़े पैरोकार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तसवीर शाहीन बाग़ से ग़ायब है।
धरना स्थल पर राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आम्बेडकर, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, शहीद सरदार भगत सिंह, अशफ़ाक़ उल्ला ख़ान और राजगुरु जैसे आज़ादी के मतवालों की तसवीरें तो लगी हुई हैं लेकिन पंडित नेहरू कहीं नज़र नहीं आते।