दिल्ली के शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून, एनपीआर और एनआरसी के ख़िलाफ़ धरना शुरू हुए 44 दिन हो गये हैं। इस बीच वहाँ विरोध जताने के कई तौर-तरीक़े और रंग देखने को मिले हैं। यह धरना देश में देश के संविधान, लोकतांत्रिक व्यवस्था और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को बचाने के नाम पर किया जा रहा है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि आधुनिक भारत के निर्माता और देश में लोकतंत्र की नींव रखने वाले और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के सबसे बड़े पैरोकार भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तसवीर इस धरना स्थल से ग़ायब है।