जैश-ए-मोहम्मद कमांडर ने स्वीकार किया कि ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अज़हर का परिवार टुकड़ों में बिखर गया। जानें इस ऑपरेशन को लेकर आतंकवादी संगठन ने ही कबूला।
ऑपरेशन सिंदूर के लगभग चार महीने बाद जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने ये मान लिया है कि भारत ने आतंकवादी संगठन के सबसे बड़े सरगना मसूद अजहर के परिवार को टुकड़ों-टुकड़ों में तब्दील कर दिया था।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कश्मीरी खुद ये बता रहा है कि कि भारतीय सेना ने कैसे जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों पर हमला किया। कश्मीरी ने उर्दू में कहा, 'आतंकवाद को अपनाकर हमने दिल्ली, काबुल और कंधार तक लड़ाई लड़ी ताकि इस देश की सीमाओं की रक्षा कर सकें। सब कुछ कुर्बान करने के बाद, सात मई को मौलाना मसूद अजहर का परिवार बहावलपुर में भारतीय फौजों द्वारा टुकड़े-टुकड़े में तब्दील कर दिया गया।' इस वीडियो में पीछे कई हथियारबंद लोग भी दिख रहे हैं। ये पहली बार है जब आतंकी संगठन के लोगों ने खुद कबूल कर लिया कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना का हमला बहुत बड़ा और मारक था।
इसी कार्यक्रम में कश्मीरी ने ये भी कहा कि जैश जैसे आतंकी संगठन को पाकिस्तान सेना और उसके चीफ़ आसिम मुनीर का पूरा समर्थन मिलता है। कश्मीरी ने कहा, 'भारतीय हमलों में मारे गए लोगों के जनाज़ों में पाकिस्तानी सेना ने जनरल भेजे थे।' कश्मीरी के इस बयान ने मीडिया रिपोर्टों के उन दावों की पुष्टि कर दी है जिनमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय हवाई हमलों में मारे गए घोषित आतंकियों के जनाज़ों में कई बड़े पाकिस्तानी सैन्य और नागरिक अधिकारी शामिल हुए थे।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले में छब्बीस लोगों की जान जाने के कुछ हफ्तों बाद भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद नौ आतंकी ठिकानों पर रातभर हमला किया। ये हमले जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की गहरी जड़ें और ढांचों को निशाना बनाकर किए गए। पाकिस्तान ने बाद में मान लिया कि बहावलपुर, कोटली और मुरीदके जैसे आतंक के अड्डे निशाने पर लिए गए थे। इसमें करीब 20-25 आतंकी मारे गए।
सेना ने ड्रोन, सैटेलाइट और पैराकमांडो की मदद से आतंकियों के छिपने की जगह और सामान की सप्लाई पर वार किया। हेलिकॉप्टर से बमबारी और सटीक निशाना लगाकर आतंकियों को खत्म किया गया। पुलिस और जासूसी टीमों के साथ मिलकर आतंकियों का नेटवर्क तोड़ा गया।
आपको बता दें कि बहावलपुर पाकिस्तान का बारहवां सबसे बड़ा शहर है। यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्य केंद्र है। यहाँ JeM का ऑपरेशनल हेडक्वार्टर जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह में है, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक लाहौर से करीब चार सौ किलोमीटर दूर स्थित इस जगह से आतंकी नेटवर्क चलाया जाता है। यहाँ से 2019 का पुलवामा हमला समेत कई बड़े आतंकी हमलों की योजना बनी है। पुलवामा हमलावरों को यहीं ट्रेनिंग दी गई थी। कैंप में छह सौ से ज्यादा आतंकियों ने ट्रेनिंग ली और यहाँ नियमित ट्रेनिंग सेशन भी होते थे।
जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की शुरुआत साल दो हजार के शुरुआती दौर में हुई थी, जब UN द्वारा आतंकी घोषित मसूद अज़हर ने कश्मीर में जिहाद का आह्वान किया था। पिछले दो दशकों में भारत में हुए कई हमलों के लिए यही संगठन जिम्मेदार रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि मसूद अज़हर ने बयान देकर माना कि भारतीय ऑपरेशन में उसके परिवार के दस सदस्य मारे गए।
लेकिन मसूद अज़हर खुद कई सालों से छिपा हुआ है। पाकिस्तानी नेता बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने दावा किया था कि इस्लामाबाद को उसकी लोकेशन के बारे में कुछ पता नहीं है। जून में दिए इंटरव्यू में भुट्टो ने कहा था कि अगर भारत ये सबूत दे दे कि अज़हर पाकिस्तान की जमीन पर है तो पाकिस्तान उसे गिरफ़्तार करने में "खुशी" महसूस करेगा। लेकिन इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मसूद अज़हर को आखिरी बार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में देखा गया था, जो मसूद के बहावलपुर वाले अड्डे से 1000 किलोमीटर से भी ज़्यादा दूर है। मसूद को एक मशहूर टूरिस्ट जगह स्कार्दू में देखा गया था।